देहरादून के आरिफ खान ने रोजा तोड़कर अजय को दिया खून. इससे बच गई अजय की जान.
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देहरादून : देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाले लोगों के लिए देहरादून के आरिफ खान एक सीख हो सकते हैं. आरिफ ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए एक हिंदू व्यक्ति की मदद की. उन्होंने उसकी मदद के लिए अपना रोजा भी तोड़ दिया. यह मामला शनिवार (19 मई) को देहरादून में सामने आया. यहां रहने वाले आरिफ खान सामाजिक कार्यों में हमेशा आगे रहते हैं. उन्होंने शनिवार को वाट्सएप पर एक मैसेज पढ़ा. इसके बाद वह अजय नामक शख्स की मदद करने तुरंत अस्पताल पहुंच गए.
वाट्सएप ग्रुप से मिली जानकारी
दरअसल शनिवार को आरिफ को वाट्सएप के एक ग्रुप से जानकारी हुई कि देहरादून के निजी अस्पताल में भर्ती अजय बिजल्वाण पेट में संक्रमण होने के कारण गंभीर रूप से बीमार है. उनके प्लेटलेट्स 5 हजार तक गिर चुके हैं. 20 वर्षीय अजय का ब्लड ग्रुप A पॉजिटिव है. अजय के लगातार गिरते प्लेटलेट्स के कारण उसकी जान को खतरा बढ़ गया है.
तोड़ा रोजा, दिया खून
यह जानकारी होने के बाद आरिफ ने मामले की जानकारी के लिए तुरंत अस्पताल में फोन किया. इस पर उन्हें मामले के सच होने का पता चला. इसके बाद उन्होंने अजय की मदद करने की ठानी. वह तुरंत घर से निकले और अस्पताल पहुंच गए. अस्पताल पहुंचने पर उन्हें पता चला कि अजय को खून और प्लेटलेट्स की सख्त जरूरत है. अगर उन्हें यह नहीं मिले तो उनकी जान भी जा सकती है. ऐसे में रोजे से होने के बावजूद आरिफ ने अजय को खून देने के लिए हामी भर दी. इसके बाद उन्होंने अपना रोजा तोड़ा और अजय को खून दे दिया.
हिंदू लड़की से की है शादी
आरिफ खान देहरादून के सहस्रधारा में नालापानी चौक के पास अपने परिवार के साथ रहते हैं. आरिफ की इस जिंदादिली पर उनके परिवार के साथ ही दूनवासी भी गर्व महसूस कर रहे हैं. आरिफ के घर से ही इंसानियत और कौमी एकता की कहानी शुरू होती है. आरिफ का विवाह एक हिंदू महिला से हुआ है. उनकी पत्नी कविता कहती हैं कि उन्हें अपने पति पर गर्व है. आरिफ खान ने ना सिर्फ अजय की जान बचाई बल्कि अभी वह उनके परिवार के संपर्क में हैं. मामले में आरिफ खान का कहना है कि रमजान का पवित्र महीना चल रहा है और यह मुसलमानों के लिए बरकतों व रहमतों वाला होता है.
देहरादून में पहले भी पेश हुई इंसानियत की मिसाल
देहरादून में फरवरी में पहले एक मुस्लिम परिवार ने एक हिंदू लड़के का ना केवल पालन-पोषण किया बल्कि उसकी हिंदू रीति-रिवाज से शादी भी कराई है. यहां की सिग्नल मंडी में रहने वाले मोइनुद्दीन ने 15 साल पहले एक अनाथ लड़के राकेश रस्तोगी को अपने यहां पनाह दी थी. मोइनुद्दीन ने राकेश का लालन-पोषण तो किया लेकिन उसके धर्म से छेड़छाड़ नहीं की. राकेश का उन्होंने एक हिंदू लड़के की ही तरह पाला. 9 फरवरी, 2018 को मोइनुद्दीन के घर से राकेश की बारात धूमधाम से निकली और हिंदू संस्कारों से शादी संपन्न कराकर बारात वापस आई. इस अनोखी बारात का स्वागत खूब धूमधाम से किया गया. जब सोनी बहू बनकर मोइनुद्दीन के घर आई तो आसपास के मुस्लिम परिवारों ने हिंदू बहू का भी जोरदार स्वागत किया. राकेश के अनुसार जबसे वह इस घर में आया है, हर होली और दीपावली को मनाता आया है. उसे कभी नहीं लगा कि वह एक मुस्लिम परिवार में रह रहा है. उसके पूजा-पाठ पर भी कभी किसी ने कोई रोक-टोक नहीं लगाई.