संतों को अब महामंडलेश्वर और मंडलेश्वर बनने के लिए परीक्षा देनी होगी. इसके लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है.
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इलाहाबाद: अब महामंडलेश्वर और मंडलेश्वर बनने के लिए संतो को परीक्षा देनी होगी. महामंडलेश्वर बनाए जाने से पहले संतों की शैक्षणिक और उनके चरित्र समेत कई चीजों की जांच होगी. सभी जांच में सफल हो जाने के बाद ही अब महामंडलेश्वर बनाए जाएंगे. इसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है. संतों ने भी महामंडलेश्वर बनन के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया है. महामंडलेश्वर बनने के लिए कई अखाड़ों की अर्जियां पहुंची हैं. बता दें, अखाड़ों में महामंडलेश्वर और मंडलेश्वर का चयन उसके आचार्य पीठाधीश्वर और पदाधिकारी कुंभ में करते हैं.
महामंडलेश्वर और मंडलेश्वरों का चयन कुंभ मेले के दौरान किया जाता है. प्रयाग कुंभ में इसकी उपाधि पाने का बहुत ज्यादा महत्व है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी तक 13 अखाड़ों में 191 अर्जियां पहुंची हैं.
क्या है महामंडलेश्वर बनने की जरूरी योग्यता?
महामंडलेश्वर बनने की सबसे पहली योग्यता है कि संतों में वैराग्य होना चाहिए. वे संन्यासी होने चाहिए. इसके अलावा भौतिकवादी दुनिया में उनका परिवार से कोई संबंध ना हो. सबसे खास बात यह है कि किसी भी उम्र के संत महामंडलेश्वर बन सकते हैं. इसके लिए कोई उम्र सीमा नहीं है. शिक्षा की बात की जाए तो उन्हें संस्कृत और वेद-पुराणों का ज्ञान होना चाहिए. इन गुणों की परीक्षा अखाड़ों में ली जाती है. कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने आठवीं सदी में 13 अखाड़े बनाए थे. आज तक वही अखाड़े बने हुए हैं.
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क्या हैं महामंडलेश्वर के काम ?
महामंडलेश्वर और मंडलेश्वर का मुख्य काम सनातन धर्म का प्रचार करना है. इसके लिए वे देश के कोने-कोने का भ्रमण करते हैं. उनका मकसद सनातन धर्म का विस्तार करना है और अपने ज्ञान का प्रकाश फैलाना है. उनलोगों को सही रास्ता दिखाना है जो जिंदगी में मानवता के रास्ते को भूल जाते हैं.