अयोध्‍या में राम मंदिर के लिए संत कराएंगे अश्वमेध यज्ञ, 1,100 ब्राह्मण करेंगे मंत्रोच्‍चार
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अयोध्‍या में राम मंदिर के लिए संत कराएंगे अश्वमेध यज्ञ, 1,100 ब्राह्मण करेंगे मंत्रोच्‍चार

यह पूरा आयोजन अयोध्या के हनुमान गुफा में किया जायगा. इसमें 1100 ब्राह्मणों द्वारा एक दिसंबर से चार दिसंबर तक मंत्रोचारण किया जायगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर

अयोध्या, (मनमीत गुप्ता): कलयुग में भी अश्वमेध यज्ञ, जिसे सुनते ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के द्वारा त्रेता युग अयोध्या में राम राज्य कि स्थापना के लिए कराए गए अश्वमेध यज्ञ कि कहानी याद आने लगती है. उसी अयोध्या में श्री राम के ही धरती पर श्री राम के जन्मभूमि को घेरी बाधाओं को दूर करने के लिए संतो के द्वारा कलयुग में अश्वमेध यज्ञ कराने कि तैयारियां की जा रही है.  

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अब संतों ने भी अपनी कमर कस ली है. वे मंदिर के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए तैयार है और इसीलिए सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के बाद भी अब सरकार पर मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने का दबाव डालने में लगे है. इसके लिए पिछले दिनों विराट धर्मसभा का आयोजन भी किया गया था. साथ ही अन्य कई अनुष्ठान किए जा रहे है, इसी क्रम में दिसंबर के शुभारंभ से ही राम मंदिर में आ रही बाधाओं से मुक्ति दिलाने के लिए अश्वमेध यज्ञ का शुभारंभ किया जा रहा है, जिसे मुंबई से अयोध्या पहुंचे संत स्वामी आनंद महाराज के द्वारा कराया जायगा. इसमें 1100 ब्राह्मणों द्वारा एक दिसंबर से चार दिसंबर तक मंत्रोचारण किया जायगा. यह पूरा आयोजन अयोध्या के हनुमान गुफा में किया जायगा.

कलयुग में होने वाले इस अश्वमेध यज्ञ कि जानकारी देते हुए संत स्वामी आनंद महाराज ने बताया कि भगवान राम कि जन्मभूमि पर त्रेता के बाद आज तक किसी ने यज्ञ नहीं किया था. उन्होंने कहा कि त्रेता में भगवान राम ने रामराज्य कि स्थापना के लिए अश्वमेध यज्ञ किया था, लेकिन कलयुग में संतो के द्वारा होने वाले अश्वमेध यज्ञ में भारत में सनातन धर्म को मानने वाले भगवान श्री राम के वंशज होने के बावजूद भी कुछ ऐसे सेकुलर वादी राजनीतिक दल हैं, जो भगवान राम के मंदिर के निर्माण में बाधा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि इस यज्ञ से सभी बाधाएं दूर होंगी और जल्द ही राम मंदिर का निर्माण भी होगा. 

स्वामी आनंद महाराज ने कहा कि देश में जितने भी राजनीतिक दल हैं, वे राम मंदिर का निर्माण नहीं चाहते है. जबकि अयोध्या का मुसलमान मंदिर निर्माण में बाधा नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि सभी राजनीतिक दल भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए इस मामले से दूरी बनाए, क्योंकि भारत का संत इतना सक्षम है कि भगवान श्री राम का मंदिर सिर्फ अयोध्या में नहीं बल्कि पूरे देश में हर स्थान पर बना सकता है.  स्वामी आनंद ने कहा कि आज देश के अंदर देश के संतों की स्थिति सही नहीं है, क्योंकि आज संतों पर देश के सभी राजनीतिक दलों का प्रभाव है. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि संतों को किसी राजनीतिक टेंशन में नहीं आना चाहिए. 

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