इंसाफ के लिए 'मेरा हक फाउंडेशन' का दरवाजा खटखटाया है.
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नई दिल्ली/ बरेली: पति-पत्नी के रिश्ते को दुनिया पाक नजरों से देखती है. लेकिन, उस रिश्ते में अगर बात सौदे की आ जाए तो रिश्ता कैसा होगा. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बरेली का है. जहां एक शौहर अपनी बीवी को जबरन जिस्मफरोशी के दलदल में धकेलना चाहता था, जब बीवी ने इससे इंकार किया तो पति ने तीन तलाक देकर रिश्ता तोड़ दिया. पीड़िता इंसाफ की लड़ाई लड़ रही है. उसने इंसाफ के लिए मेरा हक फाउंडेशन का दरवाजा खटखटाया है.
बरेली के किला इलाके में कुछ पुराने कच्चे पक्के मकानों की एक बस्ती में रहने वाली रफत की शादी एक साल पहले हुई थी. एक साल बाद ही उसके पति ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया. पीड़िता का आरोप है कि उसका पति उसे जिस्म का सौदागर बनना चाह रहा था. जिस्म नहीं बेच पाया तो, उसने हर मनमानी कर रफत को कई तरह की सजाएं दीं. अब रफत बहुत कुछ बर्दाश्त करने के बाद इंसाफ की लड़ाई लड़ने पर मजबूर है.
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शादी से पहले उसे ये नहीं बताया था कि उसके शौहर ने पहले से ही तीन शादियां कर रखी हैं. पीड़िता ने बताया कि शादी से पहले वो सिर्फ अपने शौहर का नाम मुमताज जानती थी, वो क्या करता है, क्या नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं थी. एक मई 2017 को शादी हुई. शादी के कुछ दिनों तक सबकुछ ठीक चलता रहा, लेकिन फिर वो उससे वेश्यावृति कराने के लिए दवाब बनाने लगा. उसने जब इस काम से मना किया, तो उसके साथ मारपीट शुरू की.
पीड़िता का आरोप है कि 22 जुलाई को रफत को उसके पति को मारपीट कर घर से निकाल दिया. 29 जुलाई को उसका पति फिर घर आया और उसके साथ मारपीट की और तीन तलाक देकर उसे तलाक दे दिया. अब पीड़िता ने मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी से मदद की गुहार लगाई है. फरहत नकवी का कहना है कि पीड़ित महिला अपनी समस्या लेकर आई है. शौहर उससे वैश्यावृत्ति कराना चाहता था, मना करने पर उसे तलाक दे दिया. उन्होंने कहा कि फाउंडेशन रफत की हर सम्भव मदद करेगी.