#SelfieWithSapling: एक आईडिया जो दुनिया की हवा बदल सकता है
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#SelfieWithSapling: एक आईडिया जो दुनिया की हवा बदल सकता है

बच्चों से लेकर बड़े तक सभी इस मुहिम का हिस्सा बन रहे हैं

सेल्फी विद सैपलिंग कैंपेन के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय में वृक्षारोपण करते स्कूली बच्चे

लखनऊ: प्रकृति लगातार असंतुलित होती जा रही है. औद्योगीकरण और आधुनिकीकरण की आड़ में अंधाधुंध वृक्ष काटे जा रहे हैं. धरती का तापमान बढ़ रहा है. इससे भविष्य में आने वाले खतरों का संकट गहराता जा रहा है .आए दिन वैज्ञानिक और विशेषज्ञ हमें आगाह करते रहते हैं.  इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के जालौन के चार दोस्तों ने वृक्षारोपण के लिए एक विशेष प्रकार की मुहिम सेल्फी विद सैपलिंग (#SelfieWithSapling) के जरिए अलख जगाने की कोशिश की है. 

दुबई, दिल्ली और नोएडा में नौकरी करने वाले इन दोस्तों ने सेल्फी विद सैपलिंग की शुरुआत की है. जिसमें पेड़ लगाकर लोग उसके साथ सेल्फी खींचकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं ताकि और लोग भी इससे प्रभावित होकर पर्यावरण की रक्षा में अपना सहयोग कर सकें. 

इन चार दोस्तों में से एक अमित ने बताया कि शुरुआत में उन्होंने 20 पेड़ों का लक्ष्य रखा था लेकिन अब बढ़ते बढ़ते यह 150 तक पहुंच गया है. इसमें अब तक 130 पेड़ लगाए जा चुके हैं. इसके अलावा दो प्रधान इस विचार पर अमल करने पर सहमत हुए हैं. वे कुल मिलाकर लगभग 50 पेड़ लगा रहे हैं. 

अमित ने कहा कि हम वृक्षों के उपयोग के बारे में जानते तो हैं लेकिन एक नागरिक के तौर पर मानते नहीं.  समाज में तमाम परिवर्तन लाने के लिए सिर्फ सरकारी मशीनरी पर्याप्त नहीं होती, इनकी सफलता तब तक सुनिश्चित नहीं होती, जब तक जन-भागीदारी न की जाए. सरकार और सरकारी मशीनरी तो 1950 से ही भारत को हरा-भरा बनाने का प्रयास कर रही है लेकिन परिणाम दूर-दूर तक नहीं दिखाई देते. ऐसे में क्यों न हम मिलकर कुछ करें. लोग सोशल मीडिया, मसलन फेसबुक, ट्विटर, गूगल-प्लस या व्हाट्सअप पर पर्यावरण पर चिंता तो जताते हैं लेकिन जब एक्शन की बात आती है तो दिखाई नहीं देते. हम क्यों न कुछ ऐसा करें जो उन्हें इस मुहिम से सीधे जोड़ दे.

यहां से आया मुहिम का नाम
हरियाणा के बीवीपुर के सरपंच ने साल 2015 में #सेल्फीविदडॉटर शुरू किया था.  इसी आधार पर इन दोस्तों ने मिलकर #सेल्फीविदसेपलिंग (#SelfieWithSapling) मुहिम का नाम सोचा और इसे मूर्त रूप देने की ठान ली. इस मुहिम को इन लोगों ने भारत रत्न वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम, चिपको आंदोलन के प्रणेता सुंदर लाल बहुगुणा और पर्यावरणविद अनुपम मिश्रा को समर्पित किया है. 

मुफ्त उपलब्ध करा रहे हैं फलदार वृक्ष
इस मुहिम से जुड़ने वाले लोगों को उनके ही पैसों से ट्री गार्ड उपलब्ध करवाया जाता है जिस पर कैंपेन के नाम (#SelfieWithSapling) के साथ व्यक्ति का नाम और स्थान लिखा होता है. जो लोग ट्री गार्ड का खर्च नहीं उठा सकते उन्हें मुफ्त में फलदार वृक्ष उपलब्ध कराए जा रहे हैं और ऐसे लोग ईंटे और बांस लगाकर पेड़ की सुरक्षा कर रहे हैं

प्रधानमंत्री को पिछले दो सालों से लिख रहें हैं
इस मुहिम को जन आंदोलन बनाने के लिए अमित पिछले दो साल में 4 बार प्रधानमंत्री को सोशल मीडिया के माध्यम से लिख चुके हैं, लेकिन वहां से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. इसके बाद उन्होंने ये विचार जालौन जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी के समक्ष रखा. उन्हें ये विचार पसंद आया और उन्होंने इस पर अमल करने का आश्वासन भी दिया है. 

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