कैराना लोकसभा उपचुनाव: रालोद का नारा 'जिन्ना नहीं गन्ना चलेगा'
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कैराना लोकसभा उपचुनाव: रालोद का नारा 'जिन्ना नहीं गन्ना चलेगा'

कैराना लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सभी नेताओं की नींद उड़ी हुई है. अब की बार किसानों की कही जाने वाली पार्टी रालोद ने 'जय जवान जय किसान' के नारे को बदल कर 'जिन्ना नहीं गन्ना चलेगा' का नारा देना शुरू कर दिया है.

कैराना लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय लोकदल ने पूर्व सांसद तबस्सुम हसन मैदान में उतारा है. (फाइल फोटो)

शामली: कैराना लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सभी नेताओं की नींद उड़ी हुई है. अब की बार किसानों की कही जाने वाली पार्टी रालोद ने 'जय जवान जय किसान' के नारे को बदल कर 'जिन्ना नहीं गन्ना चलेगा' का नारा देना शुरू कर दिया है. गन्ने का भुगतान नहीं होने को लेकर बीजेपी सरकार से किसान नाराज हैं. दूसरी तरफ पाकिस्तान से चीनी मंगवाने के बाद गन्ना मंत्री कहते हैं कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में चीनी है. गन्ना किसान इससे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. भुगतान नहीं होने और पाकिस्तान से चीनी आयात किए जाने को लेकर गन्ना किसान काफी दुखी हैं और गुस्से में भी हैं.

  1.  कैराना उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान जोरों पर
  2. गन्ने किसानों को लेकर रालोद हुआ हमलावर
  3. रालोद का नारा, इस बार जिन्ना नहीं गन्ना चलेगा

शामली में मंत्रियों का जमावड़ा
कैराना लोकसभा उपचुनाव को लेकर मंत्रियों का जमावड़ा लगा हुआ है. एक दल के नेता दूसरे दल पर तीखी टिप्पणी कर रहे हैं. रालोद ने बीजेपी पर हमला बोलने के लिए अपना नारा बदल दिया है. किसान हितैषी बताने के लिए रालोद अब तक जय जवान, जय किसान का नारा देती आ रही थी. लेकिन, इस चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी ने नारा बदलते हुए कहा अबकी बार 'जिन्ना नहीं गन्ना चलेगा'. इस नारे के साथ रालोद ज्यादा से ज्यादा किसानों को अपने पाले में करने की कोशिश में लगी हुई है.

बीजेपी किसानों को ठगती आई है- जयंत सिंह
बीजेपी पर हमला बोलते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि बीजेपी अब तक किसानों को ठगती आई है. किसानों को धोखा दिया गया है. बीजेपी केवल हिंदू और मुस्लिम की राजनीति करती है और किसानों को हमेशा भूल जाती है. वोट लेते वक्त ही उसे किसानों की याद आती है और झूठे वादे करती है. लेकिन, इसबार किसान ऐसा नहीं होने देंगे. इस बार प्रदेश में जिन्ना का मुद्दा काम नहीं आएगा, बल्कि गन्ना का मुद्दा काम करेगा.

किसानों को दिसंबर 2017 तक का ही भुगतान
जानकारी के लिए बता दें कि किसानों को अभी तक दिसंबर 2017 तक ही गन्ने का भुगतान हो पाया है. पिछले पांच महीने का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है, जिसकी वजह से किसानों में काफी गुस्सा है. सत्ता में आने से पहले बीजेपी ने वादा किया था कि सरकार बनने के दो सप्ताह के भीतर सभी गन्ना किसानों का भुगतान कर दिया जाएगा. शामली जिले में तीन शुगर मिल हैं. इन तीनों मिलों पर गन्ने के भुगतान का करीब 600 करोड़ का बकाया है. रालोद नेताओं द्वारा पाकिस्तान से चीनी खरीद का आरोप लगाए जाने को लेकर प्रदेश के गन्ना मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान से कोई चीनी नहीं मंगवाई जा रही है. हमारे देश के किसानों ने पर्याप्त मात्रा गन्ने का उत्पादन किया है और चीनी की कोई कमी नहीं है

बीजेपी की मृगांका सिंह के खिलाफ रालोद, सपा और बसपा गठबंधन ने तबस्सुम हसन को मैदान में उतारा है.

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