श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर दुनिया भर से कान्हा के जन्मोत्सव के साक्षी बनने पहुंचे हजारों-लाखों श्रद्घालुओं का इस बार ऐसा सैलाब उमड़ा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को मंदिर परिसर का प्रवेश द्वार गुरुवार देर रात डेढ़ बजे के बाद तक खुला रखना पड़ा। ऐसा मंदिर की स्थापना से लेकर अब तक के इतिहास में पहली बार हुआ था।
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मथुरा : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर दुनिया भर से कान्हा के जन्मोत्सव के साक्षी बनने पहुंचे हजारों-लाखों श्रद्घालुओं का इस बार ऐसा सैलाब उमड़ा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को मंदिर परिसर का प्रवेश द्वार गुरुवार देर रात डेढ़ बजे के बाद तक खुला रखना पड़ा। ऐसा मंदिर की स्थापना से लेकर अब तक के इतिहास में पहली बार हुआ था।
इतना ही नहीं, मंदिर प्रशासन के अनुसार इसके बाद जो लोग परिसर में प्रवेश कर चुके थे, उन्हें ठाकुरजी के दर्शन कराने के लिए दो बजे के बाद तक मुख्य मंदिर के कपाट खुले रखने पड़े। संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि मंदिर प्रशासन ने यह तय किया था कि जो भी श्रद्घालु तय समय तक परिसर में प्रवेश कर लेते हैं, उन सभी को भगवान के दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त करने का मौका दिया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि इससे पूर्व रात्रि के 12 बजते ही परंपरानुसार भागवत भवन सहित सभी मंदिरों के बंद कपाट खुल गए और 12 बजकर 10 मिनट से ठाकुरजी के चल विग्रह का महाभिषेक प्रारंभ हो गया। इस मौके पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास एवं प्रबंध न्यासी अनुराग डालमिया ने दूध, दही, मिश्री, घी, शहद एवं जड़ी-बूटियों से भगवान का जन्माभिषेक कराया।