UP Akbarpur Election 2024 Voting: उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रूखाबाद, इटावा, कन्नौज, खीरी, धौरहरा, सीतापुर, हरदोई, कानपुर, अकबरपुर व बहराइच लोकसभा सीट पर आज सुबह के सात बजे से वोटिंग जारी है.
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UP Akbarpur Election 2024 Voting Updates: अकबरपुर लोकसभा सीट में सोमवार यानी आज सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है. इसी सीट पर 15 लाख के करीब मतदाता अपने सांसद को चुनने के लिए वोट डालेंगे. सपा और बीजेपी में यहां पर सीधी टक्कर बताई जा रही है. यूपी में 13 लोकसभा सीटों पर दोपहर 1 बजे तक 39.68 प्रतिशत मतदान हुए हैं. अकबरपुर में 38.20 प्रतिशत वोट डाले गए.
लोकतंत्र के महापर्व में मतदाताओं का भारी उत्साह
कानपुर देहात में लोकतंत्र के महापर्व पर मतदाताओं का भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. 7:00 से पहले ही यहां पर मतदान केंद्रों पर भारी भीड़ देखी जा सकती थी. विकास के मुद्दे पर युवाओं के साथ बुजुर्ग भी वोट देने के लिए पहुंच रहे हैं. यहां पर एक युवा ने सबसे पहले अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
इस सीट पर 7,04,025 महिला मतदाता और 8,15,290 पुरुष मतदाता हैं और 11 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. बीजेपी ने देवेंद्र सिंह भोले को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं गठबंधन ने सपा से राजाराम पाल को मौका दिया है. अकबरपुर लोकसभा में अकबरपुर-रनियां विधानसभा संबद्ध है. बीएसपी ने राजेश दुबे को इस बार इस सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर, खीरी, धौरहरा, सीतापुर, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रूखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर के साथ ही बहराइच लोकसभा सीट पर सुबह के सात बजे से वोट डाले जा रहे हैं.
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कांग्रेस में गांधी परिवार के खिलाफ बगावत
यूपी के औद्योगिक शहर कानपुर के पास ही कानपुर देहात स्थित है जिसे अकबरपुर लोकसभा सीट के तौर पर जाना जाता है. 2009 में यह लोकसभा सीट अस्तित्व में आई थी और पहले यह बिल्लौर लोकसभा सीट के अतर्गत था. दोआब में बसे अकबरपुर सीट एक दौर में राजनीतिक रूप से कांग्रेस का सशक्त गढ़ था. 90 के दशक में यहां पर कांग्रेस में गांधी परिवार के खिलाफ जब बगावत चली तो बगावत करने वाले अरुण नेहरू ने मैदान में जनता दल से उतरकर जीत हासिल की.
बीजेपी के गढ़ के रूप में देखा जाने लगा
अकबरपुर लोकसभा सीट के अस्तित्व आने के बाद इस सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे राजा रामपाल ने सबसे पहले जीत हासिल की थी. वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां पर बीजेपी की जीत हुई और 2014 और 2019 में बीजेपी से ही उतरे प्रत्याशी देवेंद्र सिंह भोले दो बार लगातार यहां से जीतकर सांसद चुने गए. इसके बाद इलाका बीजेपी के गढ़ के रूप में देखा जाने लगा.