यूपी में अब संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम के साथ उनके पिता का नाम रामजी भी जोड़ दिया गया है.
Trending Photos
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर का नाम बदलकर डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर कर दिया है. राज्यपाल राम नाइक उनके नाम में बदलाव का एक प्रस्ताव सरकार के पास भेजा था, जिसे योगी सरकार ने इसे पारित कर दिया. अब बीआर आंबेडकर के नाम के साथ उनके पिता का नाम रामजी भी जोड़ दिया गया है. अब बाबा साहेब डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर के नाम से जाने जाएंगे. यूपी सरकार के इस कदम से देश की राजनीति में बहस शुरू हो गई है. कई दलित संगठनों ने यूपी सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है. खुद बीजेपी के अंदर इस पर विरोध के स्वर फूटने लगे हैं.
दिल्ली से बीजेपी सांसद तथा दलित नेता डॉ. उदित राज ने बाबा साहेब के नाम में बदलाव को बिना-वजह का विवाद बताया है. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के नाम में छेड़छाड़ करके लोगों की भावनाएं भड़काने का काम किया जा रहा है. बिना वजह के विवाद खड़ा किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'मुझे उनके नाम को बदलने का कोई कारण नहीं मिल रहा है. यह एक व्यक्ति की स्वतंत्रता है कि वह उनको किस नाम से पुकारता है, इस पर अनावश्यक विवाद क्यों पैदा किया जा रहा है? दलित समाज ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है.'
राज्यपाल का तर्क
राज्यपाल राम नाइक ने कहा, 'मैं मराठी हूं और वो भी थे. हिंदी भाषी राज्यों में उनका नाम गलत तरह से लिखा जाता रहा है. मुख्यरूप से उनका नाम भीम और राव, दो अलग-अलग शब्दों में लिखा जाता है लेकिन उनका नाम लिखने का सही तरीका भीमराव है.' आपको बता दें कि अब यूपी के सभी राजकीय अभिलेखों में संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर का नाम डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा जाएगा.
राज्यपाल राम नाईक बोले- अब तक गलत लिखा जाता रहा 'बाबा साहेब' का नाम
प्रदेश सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए राज्यपाल राम नाइक ने कहा था कि उनका नाम गलत लिखा जा रहा है. संविधान की 8वीं अनुसूची की मूल प्रति का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा था कि बाबा साहेब ने अपना नाम 'डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर' लिखा है. लिहाजा इसे सही किया जाए.
I don't find any reason to change his name, it's an individual's freedom to decide how he wants to be known, Why create a controversy unnecessarily? The Dalit community has expressed its displeasure: Udit Raj, BJP MP, on the addition of 'Ramji' to BR Ambedkar's name by UP govt pic.twitter.com/sRgUNPojiY
— ANI (@ANI) 29 मार्च 2018
पिता का नाम था 'रामजी'
बाबासाहब डॉ. भीमराव आंबेडकर महासभा के निदेशक डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल का कहना है कि बाबा साहेब ने संविधान का निर्माण किया है और उनके नाम का सही उच्चारण होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी में उनके नाम की स्पेलिंग सही है, लेकिन हिंदी वाक्यों में उनके नाम को गलत तरीके से लिखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि आंबेडकर के पिता का नाम रामजी था. महाराष्ट्र में पुरानी परंपरा के आधार पर पिता का नाम बेटे के नाम के साथ लगाया जा जाता था इसलिए रामजी नाम जोड़ा जाना चाहिए.
सपा और बीएसपी ने बताया राजनीति
योगी सरकार के फैसले का समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने विरोध किया है. समाजवादी पार्टी के नेता दीपक मिश्रा ने कहा कि पिछले काफी समय से राम नाईक भीमराव के नाम को बदलने की बात कह रहे थे, लेकिन इस पर कभी गंभीरता से विचार नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि भीमराव अम्बेडकर के नाम के साथ रामजी जोड़कर यूपी की सत्तासीन योगी सरकार नया गेम प्लान खेल रही है. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के नाम के साथ राम जोड़कर बीजेपी हिंदुओं को लुभाने की कोशिश कर रही हैं. बीएसपी ने कहा कि प्रदेश सरकार काम पर ध्यान ना देकर नामों पर ध्यान दे रही है. सरकार का ये कदम दर्शाता है कि योगी के पास करने के लिए कोई काम नहीं है.