UP : राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा खारिज, PM पर अभद्र टिप्पणी करने का था आरोप
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UP : राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा खारिज, PM पर अभद्र टिप्पणी करने का था आरोप

शलभ मणि त्रिपाठी ने बताया कि राहुल गांधी ने पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रधानमंत्री, देश से फरार ललित मोदी और नीरव मोदी के बीच समानताएं बताने की कोशिश की थी. 

UP : राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा खारिज, PM पर अभद्र टिप्पणी करने का था आरोप

लखनऊ : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अक्कर टिप्पणियां करते रहते हैं. कुछ टिप्पणियों पर बीजेपी नेताओं तथा अन्य सामाजिक लोगों ने ऐतराज जताया है. गोरखपुर में एक टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया गया है. यूपी बीजेपी के प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने यह मामला दर्ज कराया है. इसके अलावा इसी तरह के एक अन्य मामले में राहुल गांधी को राहत मिली है. हमीरपुर कोर्ट ने उनके खिलाफ दायर मानहानि का एक केस रद्द कर दिया है. 

  1. कांग्रेस अधिवेशन में पीएम की ललित मोदी से बताया संबंध
  2. राहुल गांधी केखिलाफ गोरखपुर और लखनऊ में केस दर्ज
  3. यूपी के हमीरपुर में दर्ज एक केस को कोर्ट ने रद्द कर दिया

गोरखपुर में केस दर्ज
भाजपा के प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देश से फरार पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी और बैंक घोटाले के आरोपी नीरव मोदी के बीच समानताएं बताने की कोशिश की थी. त्रिपाठी ने कहा कि राहुल ने यह भी कहा था कि मोदी नाम भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुका है. 

बीजेपी नेता ने कहा कि इससे न सिर्फ भाजपा कार्यकर्ताओं, बल्कि पूरे देश के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं और इसी वजह से उन्होंने देवरिया की एक अदालत में राहुल के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया है. 

पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी कर फंसे राहुल गांधी, दर्ज हुआ मानहानि का मुकदमा

हमीरपुर में केस रद्द
उधर, हमीरपुर की एक अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित रूप से अभद्र टिप्पणी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा खारिज कर दिया. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) विकास कुमार ने याचिकाकर्ता व अधिवक्ता अवधनरेश सिंह चंदेल का बयान दर्ज करने के बाद याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि राहुल गांधी के बयान से वादी के किस व्यक्तिगत अधिकार का हनन हुआ है, यह स्पष्ट नहीं हो पाया. 

सभी को है आलोचना का अधिकार
सीजेएम ने कहा, "संविधान के तहत सभी को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है. विपक्षी पार्टी का अध्यक्ष होने के नाते राहुल गांधी को सत्तारूढ़ पार्टी की आलोचना करने का अधिकार प्राप्त है."

हमीरपुर मुख्यालय के रमेड़ी मुहल्ला निवासी अधिवक्ता अवधनरेश चंदेल ने राहुल गांधी द्वारा 18 मार्च को कांग्रेस अधिवेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दिए गए एक बयान को लेकर शुक्रवार को सीजेएम की अदालत में एक करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दायर कर अपना बयान दर्ज कराया था.

पहले भी दर्ज हुए हैं कई केस
इससे पहले भी देश के अलग-अलग हिस्सों में उनके खिलाफ परिवाद दर्ज कराए जा चुके हैं. 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने महात्मा गांधी की हत्या की थी. उस बयान को लेकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर के CJM कोर्ट में उनके खिलाफ परिवाद दर्ज कराया गया था. 2011 में उन्होंने फूलपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि आखिर उत्तर प्रदेश के लोग कब तक महाराष्ट्र में जाकर भीख मांगेंगे और पंजाब में मजदूरी करेंगे. इस मामले में भी उन पर मेरठ और बुलंदशहर में मामले दर्ज किए गए थे. 2016 में जब उन्होंने JNU के छात्रों से मुलाकात की थी, उस वक्त भी CJM कोर्ट में उनके खिलाफ देशद्रोह की धाराओं के तहत परिवाद दर्ज किया गया था.

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