अयोध्या से सटे नेशनल हाईवे के किनारे माझा बरेहटा में 500 एकड़ की जमीन पर योगी आदित्यनाथ का नई अयोध्या बसाने का सपना साकार होगा
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नई दिल्ली: भगवान श्रीराम की अयोध्या नगरी के साथ एक नगरी उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी बसाना चाहते हैं. नई अयोध्या बसाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संकल्पना अब जल्द ही पूरा होने वाली है. जानकारी के मुताबिक, अयोध्या से सटे नेशनल हाईवे के किनारे माझा बरेहटा में 500 एकड़ की जमीन पर योगी आदित्यनाथ का नई अयोध्या बसाने का सपना साकार होगा. इसके निर्माण पर करीब 350 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है. आपको बता दे कि इससे पहले योगी राज में राज्य सरकार ने अयोध्या में भगवान राम की 100 मीटर ऊंची प्रतिमा बनाने का प्रस्ताव रखा है, जिसके निर्माण पर 330 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा. सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए निजी कंपनियों से भी निवेश करने का अनुरोध किया है.
प्रोजेक्ट के लिए काम शुरू
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए अपना काम भी शुरू कर दिया है, हालांकि औपचारिक तौर पर महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को क्षेत्रीय स्तर पर सहमति मिलने के बाद इसे राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा. अयोध्या-फैजाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से अनुमति मिलने के बाद ये योजना आगे बढ़ेगी.
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13 अप्रैल के बाद होगा फैसला
एक अखबार की खबर के मुताबिक 13 अप्रैल को होने वाली अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण की बैठक में टाउनशिप का खाका खींचा जाएगा. 'नई अयोध्या ' टाउनशिप की योजना को लेकर प्रारंभिक सहमति हाल ही में कमिश्नर और जिलाधिकारी की बैठक में मिल गई थी. अब इस प्रस्ताव को अथॉरिटी के पास भेजा जाना है जो 13 अप्रैल को होने वाली बैठक में फैसला ले सकती है.
जग-गम होंगे आस-पास के गांव
सीएम योगी की इस पहल का सबसे ज्यादा फायदा अयोध्या के पास में बसे गांवों को होगा. 'नई अयोध्या' टाउनशिप लखनऊ-गोरखपुर हाईवे पर माझा बरहटा और जयसिंह मऊ गांव के पास बसाया जाएगा. उम्मीदें जताई जा रही हैं कि इस प्रोजेक्ट की बदौलत आस-पास के गांवों को शहर जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी.
तीन चरणों में होगा काम
जानकारी के मुताबिक, योजना को तीन चरणों में पूरा करने का प्रस्ताव है. पहले चरण में 110 करोड़ रुपए खर्च करके प्रदेश सरकार 100 एकड़ जमीन लेकर शहर को विकसित करेगी. इस टाउनशिप में आवासीय क्षेत्रों के अलावा मंदिर, सार्वजनिक कार्यस्थल, पार्क, होटल और शॉपिंग गलियारे होंगे ही, साथ में विश्व स्तर के पेयजल और सीवर सुविधाएं भी होंगी.