वॉचमैन की नौकरी करने वाला ये यूपी का लड़का कैसे बना सुपरस्टार. पढ़ें स्ट्रगल और पर्सनल लाइफ की पूरी कहानी
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वॉचमैन की नौकरी करने वाला ये यूपी का लड़का कैसे बना सुपरस्टार. पढ़ें स्ट्रगल और पर्सनल लाइफ की पूरी कहानी

कभी चोर- वेटर जैसे रोल निभाने वाला, आज ना सिर्फ वो फिल्मों में लीड रोल निभा रहा है बल्कि करोड़ों के मालिक भी है. जानें कौन है वो लड़का जिसका सफर वॉचमैन की नौकरी से हुआ और आज कर रहा है लीड रोल की फिल्में. यहां पढ़ें उनके जीवन की कुछ बातें. 

 

Nawazuddin Siddiqui (File Photo)

नवाजुद्दीन सिद्द्की आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है. वह ब्लॉलीवुड के जाने माने सितारे हैं. करोड़ों लोग उनके फैंस हैं. नवाजुद्दीन सिद्दकी का जन्‍म उ.प्र. के मुजफ्फनगर जिले के बुधाना कस्‍बे में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. नवाजुद्दीन सिद्धकी सात भाइयों और दो बहनों में सबसे बड़े हैं और निकाह के बाद इन्हें एक लड़का और एक लड़की भी है. बेहद सामान्य और परिवार से आने वाले नवाज हमेशा से पढ़-लिखकर नौकरी करने के बारे में ही सोचा करते थे. उनके पिता किसान थे इसलिए वह उनका सहारा बनने के बारे में सोचा करते थे. उत्तराखंड एक कॉलेज से विज्ञान की पढाई करने के बाद उन्होंने कुछ सालों तक फैक्ट्रियों में काम किया.  फैक्ट्री में काम करने के दौरान उन्हें ख्याल आया कि एक्टर और ऑडियंस की केमिस्ट्री शानदार होती है, और काम करने के लिए इससे खूबबसूरत कोई फील्ड हो ही नहीं सकती. 

रिश्तेदारों से शक्ल सूरत का मजाक उड़ाया
जब नवाज ने अपने घर पर बताया की वह फिल्मों में काम करना चाहते हैं तो मां ने उनका हौसला बढ़ाया. माँ के अलावा, उनके घर में किसी ने उनका यकीन नहीं किया कि वो एक्टर बन सकते हैं. उनकी एक रिश्तेदार ने उनकी माँ को टोकते हुए कहा था कि तुम्हारा बेटा फिल्मों में काम करने की बात करता है, पर क्या तुमने कभी उसकी शक्ल देखी है.  नवाज ने ये बातें खिड़की के पीछे से सुन ली थीं. और उन्होंने तय किया कि अब तो इसी शक्ल सूरत के साथ फिल्मों में काम करना ही है ताकि उनकी माँ लोगों को जवाब दे सके. 

शुरूआती सफर का संघर्ष 
फैक्ट्रियों में काम करने के बाद नवाजुद्दीन ने नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से एक्टिंग सीखी और मुंबई चले गए. मुंबई में उनके पास एक भी पैसा नहीं था एक बार उनके किसी जानकार ने पैसे की मदद मांगने पर उन्हें केवल 50 रूपए दिए. उनके पास ऑटो में जाने के पैसे नहीं होते थे. घंटों पैदल चलकर जब वह डायरेक्टर लोगों से मिलते तो वह लोग ये कहकर मन कर देते कि उनकी शक्ल अच्छी नहीं है पर बेहद संघर्ष के दिनों में भी उन्होंने हार नहीं मानी और मुंबई में भूखे प्यासे. पैदल एक डायरेक्टर से दूसरे डायरेक्टर के पास भटकते रहे. 

ऐसे हुई फिल्मी शुरुआत
शुरुआत में नवाज को एक सीन का रोल मिला करता था . कभी कभी तो उस रोल के लिए पैसे भी नहीं मिले. साल 1999 में फिल्म सरफरोश से इन्होंने अपना बॉलीवुड इंडस्ट्री में डेब्यू किया था इस फिल्म में मुख्य भूमिका थे आमिर खान. उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उसके बाद उन्होंने द लंचबॉक्स और गैंग ऑफ वासेपुर जैसी सुपरहिट फिल्में भी की. आज वह करोड़ों लोगों के पसंदीदा हीरो हैं,  उन्हें कई अवार्ड भी मिल चुके हैं.

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