Modi Government Smile Scheme: भारत में अब लोगों को किसी के सामने हाथ नहीं फैलाने पड़ेंगे. केंद्र सरकार ने इसके लिए प्लान तैयार कर लिया है. सरकार का नया टारगेट है कि देश में अब किसी को भी भीख नहीं मांगनी पड़ेगी. जानें क्या है सरकार का भिक्षावृत्ति मुक्त भारत का लक्ष्य?...
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New Delhi: केंद्र सरकार के द्वारा भिखारी मुक्त शहर बनाने की पहल शुरू की जा रही है. स्मार्ट सिटी बनाने के लक्ष्य पर काम शुरू किया जा रहा है. सरकार का कहना है कि अब किसी को भी भीख के लिए हाथ नहीं फैलान पड़ेगा. किसी को भी भीख नहीं मांगनी पड़ेगी के टारगेट का सरकार जल्द पूरा करने जा रही है. इसके लिए सरकार की और से 30 शहरों की लिस्ट भी बनाई जा चुकी है. जिसमें केंद्र ने भिक्षावृत्ति में लगे वयस्कों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के सर्वेक्षण और पुनर्वास के लिए धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण 30 शहरों की पहचान की है. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का लक्ष्य हॉटस्पॉट की पहचान करने और 2026 तक इन स्थानों को भिक्षावृत्ति से मुक्त बनाने में जिला और नगर निगम अधिकारियों का समर्थन करना है.
'भिक्षावृत्ति मुक्त भारत' का लक्ष्य
'भिक्षावृत्ति मुक्त भारत' के लक्ष्य को पूरा करने के लिए समान सर्वेक्षण और पुनर्वास दिशानिर्देशों के अनुसार निगरानी सुनिश्चित करने के लिए, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा फरवरी के मध्य तक एक राष्ट्रीय पोर्टल और एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा. इस ऐप पर भिक्षावृत्ति में लिप्त पाए जाने वाले लोगों की पहचान कर उसे अपडेट किया जाएगा.
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सरकार की योजना
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का लक्ष्य इन 30 शहरों में उन ‘हॉटस्पॉट’ की पहचान करना है, जहां लोग भीख मांगते हैं. फिर 2026 तक इन 30 शहरों को भिखारियों से मुक्त बनाने में जिला और नगर निगम अधिकारियों का समर्थन करना है. भिखारियों के लिए शुरू की गई स्माइल योजना के तहत यह टारगेट सेट किया गया है. इन 30 शहरों का सर्वे करने के बाद मंत्रालय फरवरी 2024 में एक नेशनल पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च करेगा, ताकि भिक्षावृत्ति में लगे लोगों का डेटा तैयार किया जा सके. 30 शहरों में से 25 शहरों में टारगेट अचीव करने का प्लान मिल गया है.
शहरों के नाम
मालूम हो कि धार्मिक महत्व के जिन 10 स्थानों पर भिखारियों के पुनर्वास पर ध्यान दिया जाएगा, उनमें अयोध्या, ओंकारेश्वर, कांगड़ा, सोमनाथ, उज्जैन, बोधगया, त्र्यंबकेश्वर, पावागढ़, मुदैर और गुवाहाटी शामिल हैं. दिशानिर्देशों के मुताबिक, संबंधित धार्मिक ट्रस्ट या श्राइन बोर्ड भी इन स्थानों पर भीख मांगते पाए जाने वालों के पुनर्वास में शामिल होंगे. इसके अलावा, पर्यटन स्थलों में जैसलमेर, तिरुवनंतपुरम, विजयवाड़ा, कुशीनगर, सांची, केवडिया, श्रीनगर, नामसाई, खजुराहो, और पुडुचेरी शामिल हैं। वहीं, वारंगल, तेजपुर, कोझिकोड, अमृतसर, उदयपुर, कटक, इंदौर, मैसूर, पंचकूला, शिमला, तेजपुर ऐतिहासिक शहरों की सूची में हैं.