सलेमपुर से सांसद कुशवाहा ने संसद के मॉनसून सत्र के दौरान संसद परिसर में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना देने की घोषणा की है.
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बलिया (उत्तर प्रदेश): भाजपा सांसद रवीन्द्र कुशवाहा और विधायक सुरेन्द्र सिंह ने अलग-अलग कारणों से अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना देने का एलान किया है. सलेमपुर से सांसद कुशवाहा ने अपने संसदीय क्षेत्र के बिल्थरा रोड तथा सलेमपुर में कुछ ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर अगले माह सम्भावित संसद के मॉनसून सत्र के दौरान संसद परिसर में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना देने की घोषणा की है.
कुशवाहा ने शनिवार (2 जून) रात यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जनता का दबाव है कि उनके संसदीय क्षेत्र के बिल्थरा रोड तथा सलेमपुर रेलवे स्टेशन पर अनेक ट्रेनों का ठहराव हो. उन्होंने बताया कि वह इस सिलसिले में रेल मंत्री पीयूष गोयल को आठ बार पत्र लिख चुके हैं. संसद के पिछले सत्र की समाप्ति पर गोयल द्वारा बुलाई गई बैठक में भी उन्होंने इस मसले को उठाया था, फिर भी कोई नतीजा नहीं निकला.
उन्होंने कहा कि ठहराव घोषित ना होने से आम जनता में सरकार की तो किरकिरी हो ही रही है, खुद उनके प्रति भी नाराजगी बढ़ रही है. इसी को देखते हुए उन्होंने संसद के आगामी मानसून सत्र में गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना देने का फैसला किया है.
उधर, बैरिया से चर्चित भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने भी राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ तल्ख तेवर अख्तियार किया है. विधायक ने बैरिया तहसील भ्रष्टाचार व्याप्त होने का आरोप लगाते हुए इसके विरोध में आगामी पांच जून को तहसील परिसर में धरना-प्रदर्शन करने की घोषणा की है.
भाजपा विधायक ने योगी सरकार के मंत्रियों पर फोड़ा उपचुनावों में पार्टी की हार का ठीकरा
इससे पहले अपने बयानों के लिये अक्सर चर्चा में रहने वाले भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह ने कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा उपचुनावों में अपनी पार्टी की हार का ठीकरा उत्तर प्रदेश सरकार, उसके मंत्रियों और नौकरशाही के सिर फोड़ते हुए बीते 1 जून को कहा था कि अगर वे मंत्री अपने पद पर बने रहे तो भाजपा का गर्त में जाना तय है.
सिंह ने बलिया में संवाददाताओं से बातचीत में उपचुनाव परिणाम का ठीकरा प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के सिर फोड़ते हुए कहा कि पराजय के लिये मुख्यमंत्री योगी कम, उनके मंत्री ज्यादा जिम्मेदार हैं. राज्य सरकार के आधे मंत्रियों के कामकाज का तरीका अच्छा नहीं है. वे पार्टी कार्यकर्ताओं की बातों को तवज्जो नहीं दे रहे हैं. सरकार में अगर ऐसे मंत्री अपने पद पर बने रहे तो भाजपा दिनोंदिन गर्त में जायेगी.
उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्ति थाने, तहसील और ब्लॉक पर अपनी समस्या लेकर जायेगा और उसकी सुनवायी नहीं होगी तो वह भाजपा को वोट नहीं देगा. भाजपा पारदर्शी सरकार नहीं दे सकी है. थाना, तहसील और ब्लॉक के स्तर पर अपेक्षित सुधार नहीं होने के कारण चुनाव में भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ रहा है.