मुलायम सिंह यादव की बहू ने किया तीन तलाक का समर्थन, केंद्र के फैसले का किया स्वागत
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मुलायम सिंह यादव की बहू ने किया तीन तलाक का समर्थन, केंद्र के फैसले का किया स्वागत

समाजवादी पार्टी ने इस विधेयक का लोकसभा में विरोध किया था. मगर अपर्णा ने लोकसभा में विधेयक पारित करने के केंद्र के प्रयास की प्रशंसा की.

मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने तीन तलाक विधेयक का समर्थन किया. (फाइल फोटो)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी(सपा) के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने तीन तलाक विधेयक का रविवार को यहां समर्थन किया. उन्होंने इस विधेयक को लेकर केन्द्र सरकार का स्वागत किया है. हालांकि समाजवादी पार्टी ने इस विधेयक का लोकसभा में विरोध किया था. अपर्णा ने लोकसभा में विधेयक पारित करने के केंद्र के प्रयास की प्रशंसा की.

उन्होंने कहा, "अगर हम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को देखेंगे, तो हमें पता चलेगा कि हमारे देश में, खासकर उत्तर प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. न केवल महिलाओं को, बल्कि पुरुषों को भी कानूनों की जानकारी होनी चाहिए. विधेयक को राज्यसभा में भी पारित होना चाहिए."

राज्यसभा में सोमवार को पेश होगा तीन तलाक विधेयक, कांग्रेस समेत दूसरे दल करेंगे विरोध
गौरतलब है कि देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक विधेयक को लोकसभा में पेश किया था, जहां विपक्षी पार्टियों के हंगामे और सदन से बहिर्गमन के बीच यह विधेयक पास हो गया था. सरकार अब इस विधेयक को साल के आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर को राज्यसभा में पेश करने वाली है.

सोमवार को राज्यसभा में पेश होगा विधेयक
मुस्लिमों में एक बार में तीन तलाक की प्रथा को अपराध की श्रेणी में लाने वाला तीन तलाक विधेयक सोमवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा. उधर, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसे प्रवर समिति के पास भेजने के प्रयास में हैं. सत्तारूढ़ भाजपा समेत कांग्रेस और टीडीपी ने व्हिप जारी करके अपने अपने सदस्यों से सोमवार को ऊपरी सदन में उपस्थित रहने को कहा है. अन्य दलों ने भी अपने सांसदों से यह विधेयक सदन में पेश करने के दौरान उपस्थित रहने को कहा है.

कांग्रेस ने अपने सांसदों की बैठक बुलाई है. कई विपक्षी दल भी सोमवार की सुबह विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के चैंबर में मुलाकात करके इस मुद्दे पर सदन की अपनी रणनीति बनाएंगे. विवादित तीन तलाक विधेयक को विपक्षी दलों का कड़ा विरोध झेलना पड़ सकता है. विपक्ष इसे आगे की जांच के लिए प्रवर समिति में भेजने की अपनी मांग को लेकर लामबंद है.

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