मुलायम सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं से कहा- अखिलेश मेरी बात ही नहीं सुनते, उसने मुसलमानों की अनदेखी की
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मुलायम सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं से कहा- अखिलेश मेरी बात ही नहीं सुनते, उसने मुसलमानों की अनदेखी की

उत्‍तर प्रदेश में सत्‍तारुढ़ समाजवादी परिवार में मचे अंदरुनी कलह और घमासान के बीच सपा संस्‍थापक मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को एक बड़ा बयान दिया। मुलायम ने आज लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अखिलेश यादव उनकी नहीं सुन रहे हैं। मुलायम ने अपना दर्द बयान करते हुए कहा कि अखिलेश यादव को मैंने तीन बार बुलाया लेकिन आए और बिना मेरी बात सुने चले गए।

फाइल फोटो

लखनऊ : उत्‍तर प्रदेश में सत्‍तारुढ़ समाजवादी परिवार में मचे अंदरुनी कलह और घमासान के बीच सपा संस्‍थापक मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को एक बड़ा बयान दिया। मुलायम ने आज लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अखिलेश यादव उनकी नहीं सुन रहे हैं। मुलायम ने अपना दर्द बयान करते हुए कहा कि अखिलेश यादव को मैंने तीन बार बुलाया लेकिन आए और बिना मेरी बात सुने चले गए।

मुलायम ने अखिलेश यादव पर बड़ा आरोप जड़ते हुए कहा कि उसने (अखिलेश) मुस्लिम विरोधी काम किए हैं। मुस्लिमों के हित में कोई काम नहीं किया है। अखिलेश ने मुसलमानों की अनदेखी की है ये बात मुझे मौलाना ने बताई। हमने मुस्लिम डीजीपी की वकालत की और उससे भी अखिलेश खुश नहीं थे। मुलायम ने कहा कि अखिलेश मेरी बात ही नहीं सुनता। मैंने अखिलेश को कई बार बुलाया, लेकिन वह नहीं आया। इस समय अखिलेश अपने पिता की नहीं, चाचा की बात सुन रहा है। मुलायम ने कहा कि मेरा बेटा दूसरों के हाथ में खेल रहा है। अखिलेश ने बड़े-बड़े नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है।

मुलायम ने आज कार्यकर्ताओं से अपील की कि उन्‍हें अब जो भी चुनाव निशान मिले, कार्यकर्ता उसमें मेरी मदद करें। मुलायम ने मुस्लिमों से समर्थन की अपील भी की। साइकिल पर जारी झगड़े के बीच मुलायम ने कहा कि कई कार्यकर्ताओं ने मुझसे अपील की कि पार्टी चिन्ह बचा लीजिए और पार्टी बचा लीजिए। मैं चुनाव आयोग से गुजारिश कर चुका हूं। यदि हमें 'साइकिल' नहीं मिलेगी तो किसी अन्‍य चुनाव चिन्ह से चुनाव लड़ेंगे। आपलोग सहयोग करें और पार्टी की सरकार बनाइये।

गौर हो कि समाजवादी पार्टी में चुनाव चिन्‍ह साइकिल पर अखिलेश और मुलायम गुट के दावे को लेकर चुनाव आयोग आज अपना फैसला सुना सकता है। बीते शुक्रवार को चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था।

 

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