मोदी सरकार की मंत्री बोलीं-'प्रशासन में 50 फीसदी संख्या दलितों और पिछड़ों की होनी चाहिये'
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand398728

मोदी सरकार की मंत्री बोलीं-'प्रशासन में 50 फीसदी संख्या दलितों और पिछड़ों की होनी चाहिये'

अनुप्रिया पटेल ने कहा कि पार्टी के संस्थापक सोनेलाल पटेल का सपना था कि दलित और पिछड़े वर्ग को मजबूत बनाया जाये.

अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल केंद्र की मोदी सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं (फाइल फोटोः डीएनए)

गोरखपुरः केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सोमवार को मांग की कि प्रशासन में 50 फीसदी संख्या अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े वर्ग की होनी चाहिये सिद्धार्थनगर जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुये पटेल ने कहा कि 'बाबा साहेब ने हमें समाज में समानता का रास्ता दिखाया है और समाज में समानता के लिये हमारी मांग है कि विभिन्न पुलिस थानो में थानाध्यक्ष या तो अनुसूचित जाति जनजाति के हो या फिर पिछड़े वर्ग से .

इसी तरह हर जिले में जिलाधिकारी या पुलिस अधीक्षक में से एक एससी एसटी या ओबीसी वर्ग से हो .' उन्होंने कहा कि पार्टी के संस्थापक सोनेलाल पटेल का सपना था कि दलित और पिछड़े वर्ग को मजबूत बनाया जाये . हमें उनके सपने को प्रदेश में पूरा करने के लिये एक अभियान चलाना चाहिये. सोमवार को अपना दल :सोनेलाल: केवल दलितों की बात ही नहीं कर रहा है बल्कि उनके अधिकारों के लिये लड़ रहा है .उन्होंने कहा कि हमारा समर्थन एनडीए को है और यह जारी रहेगा.

प्रधानमंत्री मोदी भारत के सबसे विश्वसनीय ब्रांड हैं : अनुप्रिया पटेल
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत पर केंद्रीय मंत्री और अपना दल (एस)  की नेता अनुप्रिया पटेल ने कहा था कि राज्य के पिछड़े और दलितों ने उनको ‘ठगने वालों’ को नकार दिया है और यह साबित हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के ‘सबसे विश्वसनीय ब्रांड’ हैं. अनुप्रिया ने कहा था कि, ‘‘इस चुनाव ने साबित कर दिया है कि हमारे प्रधानमंत्री भारत के सबसे विश्वसनीय ब्रांड हैं. जनता ने उनके नेतृत्व पर एक बार फिर विश्वास जताया है. लोगों को उनके नेतृत्व में पूरा भरोसा है.’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘इस बार उत्तर प्रदेश की जनता खासकर पिछड़ों और दलितों ने उन लोगों को नकार दिया है जो उनके नाम पर राजनीति करके उन्हें ठगते आ रहे थे. समाज का पिछड़ा तबका अब इनके बहकावे में नहीं आने वाला है. लोग विकास चाहते हैं. पिछड़ों और दलितों के नाम पर राजनीति करने वालों ने समाज के इन वर्गों की सुध नहीं ली, बल्कि अपना और अपने परिवार का विकास किया.’’ 

(इनपुट भाषा)

Trending news