राम नाईक काफी समय से सरकार को सुझाव दे रहे थे कि अंबेडकर महाराष्ट्र से ताल्लुकात रखते थे, लेकिन कभी भी उनके नाम के साथ रामजी नहीं जोड़ा गया.
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर का नाम बदलने का सुझाव दिया है, जिसे मान्यता मिल गई है. अब सभी सरकारी दस्तावेजों में भीमराव आंबेडकर के नाम में रामजी को जोड़ा जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक राम नाईक काफी समय से सरकार को सुझाव दे रहे थे कि आंबेडकर महाराष्ट्र से ताल्लुकात रखते थे, लेकिन कभी भी उनके नाम के साथ रामजी नहीं जोड़ा गया. राम नाईक ने कहा है कि रामजी ना जोड़कर हम बाबा साहेब का अधूरा नाम लेते आए हैं.
अम्बेडकर नहीं आंबेडकर है सही नाम
रिपोर्ट्स के मुताबिक राम नाईक ने कहा है कि बाबा साहेब अम्बेडकर का नाम जो सभी वर्तमान में लिखते हुए आए हैं वह सही नहीं है. उनका पूरा और सही नाम डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर है, इसलिए इसे बदलना चाहिए. बुधवार (28 मार्च) को यूपी सरकार ने डॉ. भीमराव आंबेडकर का नाम नाम बदलकर डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर करने के लिए सभी विभागों और इलाहाबाद-लखनऊ की सभी हाई कोर्ट की बेंचों को आदेश जारी किया है.
आंबेडकर के नाम के साथ जुड़े पिता का नाम
बाबासाहब डॉ. भीमराव आंबेडकर महासभा के निदेशक डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल का कहना है कि मुख्य बिंदु यह है कि उन्होंने संविधान का निर्माण किया है और उनके नाम का सही उच्चारण होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी में उनके नाम की स्पेलिंग सही है, लेकिन हिंदी वाक्यों में उनके नाम को गलत तरीके से लिखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि आंबेडकर के पिता का नाम रामजी था. महाराष्ट्र में पुरानी परंपरा के आधार पर पिता का नाम बेटे के नाम के साथ लगाया जा जाता था इसलिए रामजी नाम जोड़ा जाना चाहिए.
सपा ने बताया सियासी समीकरण
समाजवादी पार्टी के नेता दीपक मिश्रा ने कहा कि पिछले काफी समय से राम नाईक भीमराव के नाम को बदलने की बात कह रहे थे, लेकिन इस पर कभी गंभीरता से विचार नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि भीमराव अम्बेडकर के नाम के साथ रामजी जोड़कर यूपी की सत्तासीन योगी सरकार नया गेम प्लान खेल रही है. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के नाम के साथ राम जोड़कर बीजेपी हिंदुओं को लुभाने की कोशिश कर रही हैं.