उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच पारिवारिक तकरार के कारण छाए संकट के बादल अभी पूरी तरह छंटे नहीं हैं। सपा में कलह पर पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि समाजपार्टी पार्टी में कोई संकट नहीं है। पार्टी में किसी तरह का झगड़ा नहीं है। पार्टी पूरी तरह एकजुट है और सबकुछ ठीक है।
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच पारिवारिक तकरार के कारण छाए संकट के बादल अभी पूरी तरह छंटे नहीं हैं। सपा में कलह पर पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि समाजपार्टी पार्टी में कोई संकट नहीं है। पार्टी में किसी तरह का झगड़ा नहीं है। पार्टी पूरी तरह एकजुट है और सबकुछ ठीक है। रामगोपाल यादव ने गुरुवार को लखनऊ पहुंचकर सफाई दी और माना कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर पार्टी ने बड़ी गलती की। अखिलेश से खुद इस्तीफा दिलवाना चाहिए था।
लखनऊ में आज मीडिया से बातचीत में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने कहा कि समाजपार्टी पार्टी में कोई संकट नहीं है और न ही किसी तरह का कोई झगड़ा नहीं है। अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश सपा प्रमुख पद से हटाना पार्टी नेतृत्व की चूक है, हालांकि यह चूक जानबूझ कर नहीं की गई। उन्होंने कहा कि अखिलेश को हटाए जाने से गलतफहमी पैदा हुई है, मामले को समाधान कर लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को लेकर सपा संसदीय बोर्ड की बैठक की अब नहीं होगी।
रामगोपाल ने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) जो फैसला करेंगे वो सबको मंजूर है। नेताजी की बात को कोई चुनौती नहीं दे सकता है। मुलायम और अखिलेश के बीच अभी बात होनी है। अखिलेश से बात करने के बाद नेताजी फैसला लेंगे। ये मुलाकात एक या दो दिन में हो जाएगी। इस मुलाकात के बाद सभी तरह की बातों पर विराम लग जाएगा। यहां कोई बात बिगड़ने वाली नहीं है। इसमें थोड़ा वक्त लगेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सीएम को अध्यक्ष पद से हटाना गलत है। अध्यक्ष पद से हटाने से पहले पूछना चाहिए था। रामगोपाल ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग नेताजी की सरलता का फायदा उठाते हैं। सरलता का फायदा उठाकर पार्टी को नुकसान पहुंचाते हैं। पार्टी कार्यकर्ता ऐसे लोगों पर कार्रवाई चाहते हैं।
इससे पहले, सपा नेता ने आज कहा था कि राज्य के मुख्यमंत्री की ओर से अपने स्तर पर कुछ निर्णय लिया जाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। कुछ मामूली बातों को लेकर कुछ मतभेद हो सकते हैं, जिसका समाधान निकाला जा सकता है। रामगोपाल ने कहा कि कुछ गलतफहमी है जो जल्द ठीक हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि एसपी में किसी बाहरी (लोग) की वजह से कोई झगड़ा नहीं है। ऐसे भी सीएम को बाहरी लोगों का दखल बर्दाश्त नहीं है। बताया जा रहा है अखिलेश के साथ रामगोपाल यादव ने आज बैठक की।
उधर, शिवपाल यादव ने आज कहा कि पार्टी में सब ठीक है। चुनाव का वक्त है और बड़ी जिम्मेदारी मिली है। सपा फिर से 2017 के चुनाव में जीतेगी।
वहीं, संभावना जताई जा रही है कि अखिलेश पार्टी के कुछ और लोगों पर कार्रवाई कर सकते हैं। सपा पार्टी विवाद को लेकर मुलायम शुक्रवार को संसदीय बोर्ड की बैठक बुला सकते हैं।
बता दें कि बुधवार को अखिलेश ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा कि सरकार का झगड़ा है, परिवार का नहीं। परिवार में सब नेताजी की बात मानते हैं। मैंने भी नेता जी की बात मानी। नेताजी की बात भला कौन नहीं मानेगा। उन्होंने कहा कि घर के बाहर के लोग हस्तक्षेप करेंगे तो पार्टी कैसे चलेगी। कुछ निर्णय जरूर मैंने लिये हैं। मैंने भी नेताजी की बात मानी है। कभी कभी कुछ निर्णय अपने आप लिये जाते हैं।
गौर हो कि अपने भाई एवं पुत्र के बीच तकरार को लेकर उलझन में फंसे सपा मुखिया मुलायम सिंह ने शिवपाल से मिलकर बुधवार को संकट को दूर करने के प्रयास किए। अखिलेश ने शिवपाल से उनके महत्वपूर्ण विभाग लेकर इस तकरार को और पेचीदा बना दिया है। इस संकट के समाप्त होने का कोई संकेत नहीं होने के बीच पार्टी सूत्रों ने कहा है कि मुख्यमंत्री को इस बात के लिए मनाया जा सकता है कि वह महत्वपूर्ण विभागों को लौटाकर इस मुद्दे पर अपने रुख को नरम करेंगे। बताया जाता है कि मुलायम ने जो शांति फार्मूला निकाला है कि उसमें शिवपाल से यह उम्मीद की जाएगी कि वह पार्टी का प्रदेश प्रमुख बनाये जाने के बाद पार्टी मामलों पर अधिक ध्यान देंगे। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। अखिलेश को उनके पिता ने सपा प्रदेश प्रमुख पद से हटा दिया था जिससे यह संकट और गहरा गया।
These are people who harm SP by taking advantage of Netaji's simplicity: R Yadav on UP CM's "bahri logh" comment pic.twitter.com/ZlM5zg0GWx
— ANI UP (@ANINewsUP) September 15, 2016