समाजवादी पार्टी की बैठक में भावुक हुए अखिलेश, बोले- मुझे नई पार्टी बनाने की जरूरत नहीं, नेताजी कहें तो दे दूंगा इस्‍तीफा
Advertisement

समाजवादी पार्टी की बैठक में भावुक हुए अखिलेश, बोले- मुझे नई पार्टी बनाने की जरूरत नहीं, नेताजी कहें तो दे दूंगा इस्‍तीफा

समाजवादी पार्टी में मचे घमासान को लेकर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह सोमवार को सबसे बड़ी बैठक इस समय कर रहे हैं। सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि आज की बैठक में मुलायम सिंह क्या फैसला करेंगे? सुलह का कोई फॉर्मूला निकालेंगे या फिर कोई कठोर फैसला करेंगे। पार्टी कार्यालय में मुलायम सिंह की सभी सांसदों, विधायकों, पूर्व सांसदों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ अहम बैठक जारी है।

समाजवादी पार्टी की बैठक में भावुक हुए अखिलेश, बोले- मुझे नई पार्टी बनाने की जरूरत नहीं, नेताजी कहें तो दे दूंगा इस्‍तीफा

लखनऊ : समाजवादी पार्टी में मचे घमासान को लेकर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह सोमवार को सबसे बड़ी बैठक इस समय कर रहे हैं। सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि आज की बैठक में मुलायम सिंह क्या फैसला करेंगे? सुलह का कोई फॉर्मूला निकालेंगे या फिर कोई कठोर फैसला करेंगे। पार्टी कार्यालय में मुलायम सिंह की सभी सांसदों, विधायकों, पूर्व सांसदों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ अहम बैठक जारी है।

लखनऊ में समाजवादी पार्टी की बैठक शुरू होने से पहले अखिलेश यादव और शिवपाल यादव भी मंच पर पहुंचे। जानकारी के अनुसार, लखनऊ में समाजवादी पार्टी की बैठक में बोलते हुए अखिलेश भावुक हो गए। उन्‍होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि नेताजी के आर्शीवाद से मैं मुख्‍यमंत्री बना। मेरे पिता ही मेरे गुरु हैं। अन्‍याय के खिलाफ लड़ना मैंने नेताजी से सीखा।

यूपी के मुख्‍यमंत्री ने यह भी कहा कि मुझे नई पार्टी की जरूरत नहीं है, मैं नई पार्टी क्‍यों बनाऊं? मैंने हमेशा जनता के लिए काम किया हैं। मैंने पूरे समय जनता के हित के लिए सोचा और काम किया। मेरी किस्‍मत अच्‍छी है कि मैं नेताजी का बेटा हूं। यदि नेताजी कहते तो मैं तुरंत पद से इस्‍तीफा दे देता। हमारी छवि खराब करने की कोशिश की गई। अब पार्टी में साजिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करूंगा। कुछ लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं। इस पार्टी में मेरा कुछ भी नहीं है, सब कुछ नेताजी का है।   

अखिलेश ने अमर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका बयान आहत करने वाला है। उन्‍होंने कहा था कि अक्‍टूबर में कुछ बड़ा होने वाला है। चाहें तो अमर सिंह का ट्वीटर अकाउंट चेक करा लें।

पढें:- समाजवादी पार्टी की बैठक के दौरान मुलायम और अखिलेश के बीच हुई तीखी बहस

दूसरी ओर, पार्टी बैठक में शिवपाल यादव ने कहा कि हमने पार्टी बनाने के लिए संघर्ष किया। अखिलेश के जन्‍म से ही पार्टी में काम कर रहा हूं। क्‍या पार्टी में मेरा कोई योगदान नहीं है। विपक्ष ने भी हमारे काम की तारीफ की थी। मैंने समय समय पर अपने विभागों की समीक्षा की। गांव-गांव में जाकर नेताजी के पत्रों को बांटा। बैठक में बोलते समय शिवपाल यादव भी भावुक हो गए और कहा कि क्‍या मैंने सीएम से कम काम किया है। अखिलेश ने कहा था कि नई पार्टी बनाऊंगा और दूसरी पार्टी के साथ चुनाव लड़ूंगा। शिवपाल ने कहा कि मेरे अध्‍यक्ष बनने के बाद मेरे साथ क्‍या हुआ। गंगाजल लेकर कसम खाता हूं कि अखिलेश ने नई पार्टी बनाने की बात कही। अब पार्टी के पंक्‍चर को ठीक करने की जरूरत है। पार्टी में वही रहेगा जो ईमानदारी से काम करेगा। अब रामगोपाल की दलाली नहीं चलेगी। पार्टी में दलाली नहीं चलेगी, बेईमानों को बाहर करेंगे। नेताजी के खून पसीने से यह पार्टी बनी है। मुख्‍तार अंसारी की वजह से मुझे बदनाम किया गया।

शिवपाल ने कहा कि मैंने नेताजी के हर आदेश को माना है। मैंने सीएम के हर आदेश को माना है। अब समय आ गया है कि मुलायम सिंह नेतृत्‍व संभालें।
मुलायम तय करें कि किसको सीएम बनाना है।  

इससे पहले, अखिलेश अपने विधायकों की मीटिंग में सीधे तौर पर अपने पिता को लेकर कुछ भी बोलने से बचते रहे। सिर्फ इतना कहा कि पिता-पुत्र के रिश्ते में जो आएगा, वो भुगतेगा। उनका निशाना सीधे अमर सिंह की तरफ था, लेकिन मुलायम सिंह के निशाने पर अखिलेश जरूर रहे।

वहीं, रविवार को उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी कुनबे’ में जारी वर्चस्व की जंग चरम पर पहुंच गई और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस जंग में अपने मुकाबिल खड़े चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ-साथ उनके करीबी तीन अन्य मंत्रियों को बर्खास्‍त कर दिया। वहीं सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश के सबसे बड़े हिमायती बताये जाने वाले पार्टी के ‘थिंक टैंक’ रामगोपाल यादव को दल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। मुख्यमंत्री ने विधानमण्डल दल की बैठक में वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल तथा उनके करीबी माने जाने वाले मंत्रियों ओमप्रकाश सिंह, नारद राय तथा स्वतंत्र प्रभार की राज्यमंत्री सैयदा शादाब फातिमा को मंत्री पद से बर्खास्‍त कर दिया। विधानमण्डल दल की बैठक में 229 में 183 विधायक शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने इस बैठक में शिवपाल और उनके समर्थक विधायकों तथा मंत्रियों को नहीं बुलाया था।

इन मंत्रियों की बर्खास्‍तगी के बाद तेजी से बदलते घटनाक्रम में सपा मुखिया ने पार्टी के ‘थिंक टैंक’ कहे जाने वाले और चाचा-भतीजे के द्वंद्व में अखिलेश के साथ मजबूती से खड़े दिखे अपने चचेरे भाई पार्टी महासचिव रामगोपाल को पार्टी से छह वर्ष के लिये निकाल दिया। रामगोपाल के निष्कासन की जानकारी देने के लिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने रामगोपाल पर भाजपा से मिलीभगत के गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री उनके षड्यंत्र को नहीं समझ रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रामगोपाल अपने सांसद पुत्र अक्षय यादव और बहू को यादव सिंह भ्रष्टाचार प्रकरण में बचाने के लिये यह सब कर रहे हैं। रामगोपाल ने अपनी बर्खास्‍तगी के बाद मुम्बई से जारी एक पत्र में कहा कि नेताजी (मुलायम) इस वक्त जरूर कुछ आसुरी शक्तियों से घिरे हुए हैं। जब वह उन ताकतों से मुक्त होंगे तो उन्हें सचाई का एहसास होगा। मैं समाजवादी पार्टी में रहूं या ना रहूं लेकिन इस धर्मयुद्ध में अखिलेश यादव के साथ हूं।

Trending news