2019 में सबसे बड़ी पार्टी का समर्थन कर सत्ता में आऊंगा: शिवपाल यादव
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2019 में सबसे बड़ी पार्टी का समर्थन कर सत्ता में आऊंगा: शिवपाल यादव

आजमगढ़ में शिवपाल यादव ने कहा कि हमारे बिना 2019 में किसी की सरकार नहीं बन सकती.

शिवपाल ने कहा कि 2022 विधानसभा चुनाव में हमारी खुद की सरकार बनेगी. (फोटो साभार@shivpalsinghyadav)

आजमगढ़: समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के प्रमुख शिवपाल यादव अपनी पार्टी का खूब प्रचार कर रहे हैं. इसी सिलसिले में वे आज आजमगढ़ पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए शिवपाल ने कहा कि इस चुनाव में हम ऐसे-ऐसे प्रत्याशियों को खड़ा करेंगे कि समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के बिना दिल्ली में किसी की भी सरकार नहीं बनेगी. शिवपाल यादव ने साफ कर दिया है कि वे उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों को खड़ा करेंगे. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि नेताजी जहां से चुनाव लड़ेंगे, वहां हम उनका समर्थन करेंगे. उसके अलावा सभी सीटों पर हम अपने उम्मीदवारों को खड़ा करेंगे.

आजमगढ़ में शिवपाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी में जो भी उपेक्षित थे, उनको समाजवादी सेक्युलर मोर्चा में पूरा सम्मान मिलेगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि उन्हें बीजेपी से समर्थन या उनका साथ देने के लिए न तो किसी से बात हुई है और न ही किसी से मुलाकात हुई है. उन्होंने कहा कि 2019 का चुनाव हम दिल से लड़ेंगे और बड़ी पार्टी का समर्थन करेंगे. साथ ही 2022 विधानसभा चुनाव में हमारी खुद की सरकार बनेगी.

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अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी भी पार्टी में हो सकते हैं शामिल.

इस दौरान उन्होंने बाहुबली छवि के नेता मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद को अपनी पार्टी में लेने के सवाल पर इनकार भी नहीं किया. एक तरफ से दबी जुबान उन्होंने इनके लिए रास्ते भी खोल दिए हैं, जिससे मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद के लिए भी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा में सम्मिलित होने का रास्ता साफ नजर आता है.

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बता दें, शिवपाल बीजेपी में शामिल होने की संभावनाओं से पहले ही इंकार कर चुके हैं. पिछले दिनों उन्होंने कहा कि मैं सच्चा समाजवादी हूं. इसलिए, बीजेपी में जाने का सवाल ही नहीं उठता है. दरअसल, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि शिवपाल यादव का बीजेपी में स्वागत है. उन्होंने कहा कि मैं तो चाहता हूं कि शिवपाल अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय कर लें. लेकिन, उन्होंने चुनाव पूर्व किसी तरह की गठबंधन से इनकार किया था.

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