योगी सरकार ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए पूछा कि खाली दीवार तोड़ने का क्या मतलब है, आखिरकार क्या छिपा कर रखे गए थे. इससे बहुत बातों का खुलासा होता है.
Trending Photos
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में बंगला विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अखिलेश के वार पर योगी सरकार ने पलटवार करते हुए कई गंभीर सवाल उठाए. योगी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पूछा कि खाली दीवार तक तोड़ दी गई, यह समझ के बाहर है. आखिरकार, उस दीवार के पीछे क्या रहस्य छिपे थे ? वह कौन सा राज था जो उस दीवार के पीछे छिपा था ? वह कौन सा सामान था जिसे दीवार के पीछे छिपा कर रखा गया था, इसका जवाब अखिलेश यादव को लोगों को देना चाहिए. खाली दीवार तोड़ने से बहुत चीजों का खुलासा होता है.
IT विभाग जांच करे कि कहां से आया इतना पैसा-सिद्धार्थनाथ सिंह
प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव कहते हैं कि उस बंगले को मैंने अपने पैसे से सजाया था. आप सभी लोगों ने बंगले के अंदर की तस्वीर देखी होगी. बंगले की सजावट पर कितना रुपया खर्च किया गया था, और ये पैसा कहां से आया, अखिलेश यादव को इसपर जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह काम इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को करना चाहिए कि, अगर उन्होंने अपने पैसे से बंगले को सजाया था तो वह कितनी राशि थी. क्या IT डिपार्टमेंट को इसके बारे में जानकारी थी?
I would like to tell him you're respected leader&former CM but besides that you're also well-educated. When you demolish walls of house where you yourself lived... What was hidden behind the wall that you had to break it down?: Sidharth Nath Singh, UP Minister on Akhilesh Yadav pic.twitter.com/QHYphhqGzF
— ANI UP (@ANINewsUP) 13 June 2018
बंगला खाली करने का आदेश सरकारी नहीं, कोर्ट का था- बीजेपी
बंगला विवाद को लेकर सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि जिस बंगले में अखिलेश यादव रह रहे थे, वह उनका निजी घर नहीं था. वह सरकारी बंगला है. टैक्सपेयर के पैसे से सरकारी बंगले का निर्माण किया गया है. अगर, अखिलेश यादव को बंगला खाली करना पड़ा है तो यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से हुआ है. हर किसी को कोर्ट के आदेशों का पालन करना चाहिए. यह सरकारी आदेश नहीं था कि अखिलेश यादव बंगला खाली करने की वजह से गुस्सा हो गए.
अखिलेश ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है- बीजेपी
अखिलेश यादव उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात कर रहे हैं. पहले तो उन्होंने बंगले को तहस नहस किया, अब बोल रहे हैं कि मैंने कुछ नहीं किया, यह काम सरकार ने करवाया है. उनकी हालत खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली हो गई है. उन्हें जिस हाल में बंगला मिला था, उन्होंने उसी हालत में बंगला वापस नहीं लौटाया है. अखिलेश यादव को नहीं भूलना चाहिए कि वे जिस घर में रह रहे थे वह राज्य सरकार की संपत्ति है. उन्हें कोई हक नहीं है कि वे सरकार की संपत्ति को किसी तरह का नुकसान पहुंचाएं.