अखिलेश के पसंदीदा नारे ‘काम बोलता है’ का लखनऊ में होगा लिटमस टेस्ट
Advertisement

अखिलेश के पसंदीदा नारे ‘काम बोलता है’ का लखनऊ में होगा लिटमस टेस्ट

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पसंदीदा नारे ‘काम बोलता है’ के लिये प्रदेश विधानसभा का चुनाव खासकर राजधानी लखनऊ में लिटमस टेस्ट साबित होगा। जाति के आधार पर राजनीति करने वाले दल के ठप्पे वाली सपा को इससे निजात दिलाने के लिये अखिलेश ने प्रदेश विधानसभा चुनाव का रण जीतने के लिये विकास कार्यों को ही अपने प्रचार का आधार बनाया है। इसके लिये वह अपनी सभाओं में लखनऊ मेट्रो, जनेश्वर मिश्र पार्क, समाजवादी पेंशन, एम्बुलेंस सेवा, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे समेत तमाम विकास योजनाओं का जिक्र कर रहे हैं।

अखिलेश के पसंदीदा नारे ‘काम बोलता है’ का लखनऊ में होगा लिटमस टेस्ट

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पसंदीदा नारे ‘काम बोलता है’ के लिये प्रदेश विधानसभा का चुनाव खासकर राजधानी लखनऊ में लिटमस टेस्ट साबित होगा। जाति के आधार पर राजनीति करने वाले दल के ठप्पे वाली सपा को इससे निजात दिलाने के लिये अखिलेश ने प्रदेश विधानसभा चुनाव का रण जीतने के लिये विकास कार्यों को ही अपने प्रचार का आधार बनाया है। इसके लिये वह अपनी सभाओं में लखनऊ मेट्रो, जनेश्वर मिश्र पार्क, समाजवादी पेंशन, एम्बुलेंस सेवा, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे समेत तमाम विकास योजनाओं का जिक्र कर रहे हैं।

लखनऊ में नौ विधानसभा सीटें हैं। वर्ष 2012 में सपा ने इनमें से सात सीटें जीती थीं, जबकि एक सीट उसकी मौजूदा सहयोगी पार्टी कांग्रेस के पास गयी थी। लखनऊ में रविवार क मतदान हुआ। अब देखना यह है कि 11 मार्च को चुनाव परिणाम के रूप में जनता ‘काम बोलता है’ के नारे को सराहती है, या नकारती है।

मुख्यमंत्री के ‘काम बोलता है’ के नारे की लगातार आलोचना कर रही भाजपा और बसपा यह दावा कर रही हैं कि अखिलेश जिन कार्यों के बलबूते विकास की तस्वीर पेश कर रहे हैं, वे दरअसल जल्दबाजी में आधे-अधूरे तरीके से किये गये हैं।

बसपा अध्यक्ष मायावती का दावा है कि लखनऊ मेट्रो की परियोजना उनकी थी, जिसे सपा सरकार ने लपक लिया और अब वह उसे अपनी सोची गयी परियोजना के तौर पर पेश कर रही है। अखिलेश अपने लगभग हर भाषण में 302 किलोमीटर लम्बे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का जिक्र करते हैं। इसका उद्घाटन पिछले साल नवम्बर में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने किया था। हालांकि विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि यह एक्सप्रेसवे अभी पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हुआ है। लखनऊ मेट्रो के अलावा मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) भी अखिलेश की सपनीली परियोजना है। इसका उद्देश्य राजधानी को यातायात के दबाव से मुक्त कराना है।

लखनऊ में गोमती नदी के किनारों पर बना ‘गोमती रिवरफ्रंट’ भी अखिलेश की प्रमुख परियोजनाओं में शामिल है। इसके अलावा लखनऊ के 100 एकड़ क्षेत्र में बन रही आईटी सिटी और 70 हजार लोगों के बैठने की क्षमता वाला अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम भी मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजनाएं हैं।

 

 

Trending news