उत्तर प्रदेश में नहीं थम रहा रेल हादसा, पिछले तीन सालों में कइयों ने गंवाई जान
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उत्तर प्रदेश में नहीं थम रहा रेल हादसा, पिछले तीन सालों में कइयों ने गंवाई जान

इस हादसे में फिलहाल 13 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई है, जबकि 35 से अधिक लोगों घायल हुए हैं. हालांकि मरनेवालों संख्या में अभी और इजाफा हो सकता है. हादसा शनिवार शाम 5 बजकर 46 मिनट पर हुआ है. 

यह हादसा उस वक्त हुआ जब कलिंग उत्कल एक्सप्रेस पुरी से हरिद्वार जा रही थी. (एएनआई फोटो)

लखनऊ: पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंग उत्कल एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली थानाक्षेत्र में शनिवार (19 अगस्त) की शाम दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसा इतना भयानक था कि कई डिब्बे एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए. इस हादसे में फिलहाल 13 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई है, जबकि 35 से अधिक लोगों घायल हुए हैं. हालांकि मरनेवालों संख्या में अभी और इजाफा हो सकता है. हादसा शनिवार शाम 5 बजकर 46 मिनट पर हुआ है. 

इससे पहले भी उत्तर प्रदेश कई रेल हादसों का गवाह बन चुका है.

कालिंदी एक्सप्रेस हादसा:
20 फरवरी को फिरोजाबाद के टूंडला में रेलवे स्टेशन पर 14723 कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन की टक्कर मालगाड़ी से हो गई थी. यह घटना रविवार देर रात 1 बजकर 40 मिनट पर हुई. हालांकि, इस दुर्घटना में किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था. 

महाकौशल एक्सप्रेस:
उत्तर प्रदेश के महोबा में 30 मार्च, 2017 को महाकौशल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी जिसमें 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. रात करीब 2 बजे महोबा और कुलपहाड़ स्टेशन के बीच यह हादसा हुआ था.

मेरठ-लखनऊ एक्सप्रेस हादसा:
15 अप्रैल 2017 को उत्तर प्रदेश में रामपुर के पास मेरठ-लखनऊ राज्यरानी एक्सप्रेस के 8 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस घटना में करीब 10 लोग जख्मी हुए थे. यह दुर्घटना मुण्डा पांडे और रामपुर रेलवे स्टेशन के बीच हुई थी. हादसे में घायल यात्रियों के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 50,000-50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी.

सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस हादसा:
28 दिसबंर 2016 की सुबह कानपुर के पास रूरा रेलवे स्टेशन के नजदीक सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी. इसमें सौ से ज्यादा यात्री घायल हुए थे. 

इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसा:
20 नवंबर 2016 को कानपुर देहात के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में करीब 150 लोगों की जान चली गई थी. इस हादसे के पीछे पाकिस्तान की खूफिया एजंसी आईएसआई की साजिश को वजह बताया गया था, जिसकी जांच अभी भी चल रही है.

जनता एक्‍सप्रेस हादसा:
20 मार्च 2015 को रायबरेली के बछरांवा के पास जनता एक्‍सप्रेस 14266 के कई डिब्‍बे पटरी से उतर गए थे,  इस हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई, जबकि 150 से अधिक लोग जख्‍मी हो गए थे.

गोरखधाम एक्सप्रेस हादसा:
26 मई 2014 को उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में गोरखधाम एक्सप्रेस ने एक खड़ी मालगाड़ी में टक्कर मार दी थी इस हादसे में तकरीबन दो दर्जन लोग मारे गए थे. यह हादसा उसी दिन हुआ था जिस दिन नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. 

वहीं मुजफ्फरनगर में घटनास्थल पर रेल की पटरी टूटी पाई गई है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गाड़ी के कई डिब्बे एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए. राहत और बचाव कार्य शुरू हो गया है. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पंहुचे गए हैं. यह रेलगाड़ी पुरी से हरिद्वार जा रही थी. दुर्घटना के बाद सहारनपुर और मुजफ्फरनगर से अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. रेलवे के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, इस हादसे के पीछे साजिश से भी इनकार नहीं किया जा रहा है, क्योंकि पटरी टूटी हुई मिली है.

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