Uttarakhand Weather: मुसलाधार बारिश की जद में उत्तराखंड, मसूरी, चमोली, उत्तरकाशी, नैनीताल समेत कई जिलों में हाल बेहाल
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Uttarakhand Weather: मुसलाधार बारिश की जद में उत्तराखंड, मसूरी, चमोली, उत्तरकाशी, नैनीताल समेत कई जिलों में हाल बेहाल

Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में बारिश मुसीबत बनकर बर रही है. मलबा आने से कई हाईवे बंद है और लोगों को फंसे वाहनों में ही हाईवे के खुलने का इंतजार करना पड़ रहा है. मसूरी, चमोली, उत्तरकाशी, नैनीताल सेमत कई और जिलों में बारिश से हाल बेहाल है.

Uttarakhand weather (फाइल फोटो)

चमोली : उत्तराखंड में शनिवार को हुई तेज बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त रहा. मसूरी में मूसलाधार बारिश ने लोगों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी. वहीं शाम को जेपी बैंड के करीब  मलबा के होने से  एनएच 707 ए लगभग पौने दो घंटे तक बाधित रहा. पर्यटकों और स्थानीय लोगों को इस दौरान जाम से जूझना पड़ा. वहीं, कैंपटी रोड के साथ ही मसूरी-देहरादून मार्ग पर मलबा ने लोगों को परेशान किया. 

चमोली जनपद में रुक-रुककर बारिश
चमोली जनपद की बात करें तो यहां पर रुक-रुककर बारिश जारी है और बद्रीनाथ हाईवे लामबगड़ के खचड़ा नाले और लामबगड़ बाजार में नाले के जलस्तर बढ़ने से सड़क पर बहुत अधिक पानी बहने से हाईवे बंद हो गया है. हाईवे के दोनों ओर सैकड़ों यात्रियों की गाड़ियां फंसी हुई हैं, फिलहाल वे हाईवे के खुलने का इंतजार कर रहे हैं और एनएच की मशीन हाईवे खुलने में जुट गई हैं. 

उत्तरकाशी में भी बारिश से बेहाल लोग 
उत्तरकाशी जनपद की बात करें तो यहां के भटवाड़ी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले मस्ताड़ी गांव में शनिवार की राक भारी बारिश होने के कारण एक दर्जन से अधिक घरों के अंदर पानी रिसाव शुरू हो गया. ग्रामीणों के आवासीय मकानों एवं गौशालाऐं पानी से लबालब भर गईं. जब इसकी सूचना जिला प्रशासन को मिली तो जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम देर रात मस्ताडी गांव में पहुंची. पूरे गांव का निरीक्षण किया लेकिन ग्रामीणों में रात दहशत का माहौल बना रहा. 

ग्रामीणों के मकान भूधंसाव की जद में
ग्रामीणों का कहना है कि गांव वर्ष 1991के भूकंप से आपदा का दंश झेल रहा है. बरसात का मौसम शुरू होने पर प्रतिवर्ष मस्ताडी गांव के घरों से पानी के रिसाव की समस्या बनी रहती है. यहां पर कई बार भू वैज्ञानिकों द्वारा सर्वे किया गया लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया. ग्रामीणों के मकान भूधंसाव की जद में आ सकते हैं इसलिए ग्रामीण लंबे समय से विस्थापन की मांग कर रहे हैं. 

ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी 
मस्ताड़ी गांव में ग्रामीणों के सामने खुद के रहने का संकट भी खड़ा हो गया है. घरों कमरों, किचन सहित गौशालाओं के अंदर से अत्यधिक मात्रा में पानी का रिसाव हो रहा है. भूधंसाव की जद में आने वाले मकानों की संख्या एक दर्जन से अधिक है. देर रात मौके पर पंहुची तहसील प्रशासन टीम में नायब तहसीलदार सुरेश प्रसाद सेमवाल ने बताया कि बारिश के कारण कुछ घरों के अंदर से पानी का रिसाव बढ़ने की सूचना ग्राम प्रधान की ओर से मिली है. इस संबंध में ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा गया है साथ ही भू वैज्ञानिक द्वारा सर्वे कराया जाएगा उसी के बाद कोई निर्णय लिया जा सकेगा. 

नैनीताल में मौसम 
वहीं नैनीताल की बात करें तो यहां पर भी भारी बारिश के चलते 19 सड़कें बंद होने की वजह से लोगों को बहुत सी परेशानियों से दो चार होना पड़ा. 6 राज मार्ग, 1 मुख्य जिला मार्ग, 12 ग्रामीण मार्ग बंद है. दूसरी ओर सड़कों को खोलने का प्रयास भी किया जा रहा है. फिलहाल, यहां पर नदियों का जलस्तर सामान्य है और जिलें में बिजली और पेयजल आपूर्ति सामान्य है.

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