UP News: सुप्रीम कोर्ट के एससी एसटी में क्रीमी लेयर पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को दिये गये फैसले पर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि आरक्षण वंचित व शोषित को सबल सशक्त करने का सांविधानिक मार्ग है.
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creamy layer SC-ST reservation: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए बीजेपी पर तंज कसा है. अनुसूचित जाति और जनजाति में क्रीमी लेयर के प्रावधान को लेकर की गई सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के संबंध में अखिलेश यादव ने काफी कुछ कहा है. उन्होंने कहा है कि पीडीए के लिए संविधान संजीवनी है तो प्राणवायु आरक्षण है. जानकारी दे दें कि केंद्र सरकार ने इस बात को साफ किया कि एससी-एसटी में क्रीमी लेयर का संविधान में कोई प्रावधान नहीं है. केंद्र सरकार ने दरअसल, इसे सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी करार दिया है.
अखिलेश यादव ने आज रविवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि किसी भी प्रकार के आरक्षण का उद्देश्य उपेक्षित समाज का सशक्तीकरण होता है. समाज का विभाजन या विघटन नहीं. अखिलेश ने ये भी कहा कि यदि ऐसा होता है तो आरक्षण के मूल सिद्धांत की इससे अवहेलना होती है. उन्होंने ये भी कहा कि अनगिनत पीढ़ियों से चले आ रहे भेदभाव व अवसरों की गैर-बराबरी की खाई चंद पीढ़ियों में आने वाले बदलावों से नहीं पाटी जा सकती है. आरक्षण वंचित व शोषित, सबल और सशक्त करने का एक सांवैधानिक मार्ग है. इसी के बदौलत बदलाव आ सकेगा. उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर किसी भी प्रावधानों के परिवर्तन की जरूरत नहीं है.
अखिलेश यादव ने इस बारे में कहा है कि आरक्षण को लेकर बीजेपी सरकार हर बार गोलमोल बयान देती रही है. मुकदमों के माध्यम से भाजपा की ओर से आरक्षण की लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश करने का प्रयास है. उन्होंने कहा कि जब पीडीए के अलग अलग घटक दलों का दबाव पड़ता है तो दिखावटी सहानुभूति दिखाई जाती है. पीछे हटने का नाटक किया जाता है.
सपा अध्यक्ष का रुख
अगर अखिलेश यादव के बयान को देखे तो साफ पता चलता है कि समाजवादी पार्टी एससी एसटी कोटे में क्रीमीलेयर के खिलाफ है. पार्टी इस वर्ग में उपवर्गीकरण के खिलाफ है. आपको बता दें कि शनिवार को ही मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पार्टियों की चुप्पी पर प्रश्न खड़े किए थे. शाम तक कांग्रेस अध्यक्ष का इस पर रुख सामने आया तो वहीं आज सपा अध्यक्ष का रुख सामने आ गया.
आरक्षण खत्म करने की साजिश
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने प्रेस कॉफ्रेंस के सामने शनिवार को अपना पक्ष रखा था जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार संशोधन नहीं लाई है. मायावती ने ये भी कहा था कि क्रीमीलेयर पर इसी सत्र में संविधान संशोधन न लाकर सत्र को स्थगित करना सोची समझी साजिश है. सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अब बना रहेगा. मायावती ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये भी कहा था कि एससी-एसटी के लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. एससी-एसटी में क्रीम लेयर के बहाने आरक्षण को खत्म करने का प्रयास है.
एक तरफ तो मायावती आरक्षण को खत्म करने का प्रयास करने का सरकार पर आरोप लगाती हैं तो वहीं दूसरी ओर अखिलेश यादव कहते हैं कि बीजेपी की सोच सदा से आरक्षण विरोधी रही है. उन्होंने कहा कि ऐसे में बीजेपी पर 90 फीसदी पीडीए समाज के लोगों का भरोसा समाप्त हो रहा है. उन्होंने साफ कहा कि आरक्षण को लेकर बीजेपी की विश्वसनीयता शून्य है. असल में पीडीए के लिए संविधान एक संजीवनी के जैसे है तो आरक्षण उसके प्रायवायु हैं.
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