यूपी चुनाव की तस्वीर साफ हो चुकी है. इस चुनाव कुछ सीटों से ऐसे दिग्गज प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे, जिनके चुनाव परिणामों पर सभी की निगाहें टिकी हुई थी, क्योंकि ये चुनाव परिणाम ही इन प्रत्याशियों के राजनीतिक भविष्य का फैसला करने वाले थे. कुछ ऐसे ही प्रत्याशियों के चुनाव नतीजों पर डालते हैं एक निगाह-
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नई दिल्ली: यूपी चुनाव की तस्वीर साफ हो चुकी है. इस चुनाव कुछ सीटों से ऐसे दिग्गज प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे, जिनके चुनाव परिणामों पर सभी की निगाहें टिकी हुई थी, क्योंकि ये चुनाव परिणाम ही इन प्रत्याशियों के राजनीतिक भविष्य का फैसला करने वाले थे. कुछ ऐसे ही प्रत्याशियों के चुनाव नतीजों पर डालते हैं एक निगाह-
शिवपाल सिंह यादव
अखिलेश यादव के चाचा और सपा नेता शिवपाल सिंह जसवंत नगर सीट से चुनाव जीत गए हैं. शिवपाल ने अपनी राजनीतिक साख बचाने के लिए पूरा जोर लगा दिया था. शिवपाल सिंह जसवंतनगर विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर पांचवी बार चुनाव लड़ रहे थे. उन्होंने भाजपा प्रत्याशी मनीष यादव को हराया है.
रीता बहुगुणा जोशी
कांग्रेस को अलविदा कह भाजपा का दामन थामने वाली यूपी की दिग्गज महिला नेता रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ कैंट से चुनाव जीत गई है. रीता जोशी इस सीट पर वर्तमान में भी विधायक थी. ऐसे में इस सीट को बचाना उनकी प्रतिष्ठा की वजह बन गया था, हालांकि इस सीट का इतिहास हमेशा भाजपा के पक्ष में ही रहा है.
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स्वाति सिंह
यूपी की सरोजनी नगर सीट से भाजपा प्रत्याशी स्वाति सिंह जीत गईं हैं। गौरतलब है कि स्वाति सिंह भाजपा के पूर्व उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की पत्नी हैं, जिन्हें बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में भाजपा ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
गरिमा सिंह
अमेठी विधानसभा सीट पर दो रानियों के बीच राजनीतिक वर्चस्व तथा भविष्य की लड़ाई थी। यहां से भाजपा ने राज्यसभा सदस्य डॉ. संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह को प्रत्याशी बनाया था जो चुनाव जीत गईं हैं.
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मुख्तार अंसारी
मऊ सीट से बसपा के प्रत्याशी और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी चुनाव जीत गए हैं. गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी 1996 से यहां से लगातार चार बार विधायक चुने जा चुके हैं.
आजम खान के बेटे अब्दुल्ला खां
सपा के दिग्गज नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला खान रामपुर की स्वार सीट से जीत गए हैं. यहां उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मी सैनी से था. आजम खान के बेटे पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे. बता दें कि अब्दुल्ला रामपुर के जौहर विश्वविद्यालय के सीईओ भी हैं.
नितिन अग्रवाल
सपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल हरदोई सदर सीट से चुनाव जीत गए हैं. नितिन सपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.
आशुतोष टंडन
बीजेपी नेता लालजी टंडन के बेटे आशुतोष टंडन चुनाव जीत गए हैं. भाजपा ने उन्हें लखनऊ पूर्व सीट से टिकट दिया था. लालजी टंडन का बेटा होने की वजह से वे भी वीआईपी उम्मीदवार माने जा रहे थे. आशुतोष के खिलाफ कांग्रेस से अनुराग भदौरिया और बीएसपी से सरोज शुक्ला चुनाव लड़ रहे थे.
अदिति सिंह
बाहुबली नेता अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली सदर सीट से चुनाव जीत गई हैं. वे अमेरिका से वापस लौटी थी और उन्होंने मैनेजमेंट में अपना स्नातक पूरा किया था कुछ समय तक नौकरी करने के बाद राजनीति में कदम रखा.
स्वामी प्रसाद मौर्य
बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए दिग्गज नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को भाजपा ने पडरौना सीट से चुनाव जीत गए हैं. उन्होंने बसपा प्रत्याशी जावेद इकबाल को करारी मात दी है.
आजम खान
रामपुर सीट पर लगातार चुनाव जीतते आए आजम खान ने फिर बाजी मार ली है। अब आठवीं बार आजम खान इस सीट से चुनाव जीते हैं.
बाहुबली राजा भैया
कुंडा के निर्दलीय प्रत्याशी रघुराज प्रताप सिंह ऊर्फ राजा भैया फिर चुनाव जीत गए हैं. लगभग हर सरकार में मंत्री रहे राजा भैया के सामने भाजपा से जानकी प्रसाद पांडेय और बसपा से परवेज अख्तर अंसारी ताल ठोक रहे थे.
राजनाथ के बेटे पंकज सिंह
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की नोएडा सीट सबसे ज्यादा हॉट बनी हुई थी, क्योंकि यहां से केंद्रीय गृहमंत्री और मोदी सरकार में नंबर दो माने जाने वाले राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह इस सीट से चुनाव लड़ रहे थे.
संगीत सोम
मेरठ जिले की ही सरधना विधानसभा सीट से भाजपा के फायर ब्रांड नेता और मौजूदा विधायक संगीत सोम फिर चुनाव जीत गए हैं. यहां उनका मुकाबला मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नजदीकी अतुल प्रधान से था. मुजफ्फरनगर दंगों में भड़काऊ बयान देकर संगीत सोम चर्चा में आए थे.
श्रीकांत सिंह
मथुरा सदर सीट से भाजपा ने राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा चुनाव जीत गए हैं.
चुनाव हारे यूपी के दिग्गज-
गायत्री प्रजापति हारे
अमेठी सीट से ही सपा प्रत्याशी और विवादित मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति चुनाव हार गए हैं. प्रजापति बलात्कार के आरोप में गिरफ्तारी वारंट से बचने के लिए अभी तक फरार है. गायत्री प्रजापति को भाजपा प्रत्याशी गरिमा सिंह ने हराया है.
कैराना से हारी मृगांका सिंह
शामली जिले की कैराना सीट से मृगांका सिंह चुनाव हार गई है.यहां से सपा प्रत्याशी नाहिद हसन 98830 वोटों के साथ चुनाव जीत गए हैं. इस सीट पर सभी की निगाहें इसलिए थी क्योंकि कैराना से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उठाकर भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने इस सीट को खास बना दिया था. भाजपा ने हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को इस सीट से टिकट देकर दिया था.
अपर्णा यादव चुनाव हारीं
यूपी के हाई प्रोफाइल चेहरों में समाजवादी पार्टी का सबसे ज्यादा चर्चित चेहरा था अपर्णा यादव. 26 साल की अपर्णा मुलायम सिंह यादव की बहू हैं और पार्टी की प्रतिष्ठित सीट लखनऊ कैंट से चुनाव मैदान में थी. अपर्णा यादव भाजपा की दिग्गज नेता रीता बहुगुणा जोशी से चुनाव हार गई हैं.
गुलाबी गैंग कमांडर संपत पाल हारी
उप्र की मानिकपुर सीट से संपत पाल सिंह चुनाव हार गई है. यहां से भाजपा प्रत्याशी आरके सिंह पटेल चुनाव जीत गए हैं. महिलाओं की आवाज बनने वाली गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल तीसरी बार विधानसभा मैदान में थी. 2006 में संपत पाल ने महिलाओं की समस्याओं पर आंदोलन शुरू किया और गुलाबी गैंग बनाया था. इससे पहले भी 2012 में मानिकपुर सीट से कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद हारे
शाहजहांपुर की तिलहर सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी जितिन प्रसाद चुनाव हार गए हैं. गौरतलब है कि कांग्रेस ने इस बार यूपी चुनाव में छह पूर्व सांसदों को भी प्रत्याशी घोषित किया था. इससे पहले वे लोकसभा चुनाव भी हार गए थे.