यूपीपीसीएस पर्चा लीक: रद्द हुई प्रथम प्रश्नपत्र की परीक्षा, 10 मई को होगी दोबारा
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यूपीपीसीएस पर्चा लीक: रद्द हुई प्रथम प्रश्नपत्र की परीक्षा, 10 मई को होगी दोबारा

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की प्रारम्भिक परीक्षा का पहला पर्चा लीक होने के मामले में विभिन्न हिस्सों में जोरदार प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर परीक्षा को सोमवार को रद्द कर दिया गया और अब 10 मई को दोबारा यह परीक्षा होगी।

यूपीपीसीएस पर्चा लीक: रद्द हुई प्रथम प्रश्नपत्र की परीक्षा, 10 मई को होगी दोबारा

इलाहाबाद/लखनऊ : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की प्रारम्भिक परीक्षा का पहला पर्चा लीक होने के मामले में विभिन्न हिस्सों में जोरदार प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर परीक्षा को सोमवार को रद्द कर दिया गया और अब 10 मई को दोबारा यह परीक्षा होगी।

यूपीपीएससी के सचिव रिजवानुर रहमान ने इलाहाबाद में बताया, ‘आयोग ने प्रश्न पत्र के लीक होने के आरोपों की प्रारंभिक जांच कराई उसके मद्देनजर आज दोपहर हमने वहां बैठक की। बैठक में कल हुई प्रारंभिक परीक्षा के प्रथम प्रश्न पत्र की परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया गया। अब परीक्षा 10 मई को होगी।’ इस बीच, मामले की जांच कर रही प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। उसने इस मामले में आयोग की कोई भूमिका होने से इनकार किया है।

इससे पूर्व मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने आज सुबह ही मुख्य सचिव आलोक रंजन समेत वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई, जिसके बाद प्रारम्भिक परीक्षा के सामान्य अध्ययन :पहला प्रश्नपत्र: का पर्चा कल लीक होने के मद्देनजर उसकी परीक्षा को निरस्त करने की घोषणा कर दी गयी।

बैठक में मुख्य सचिव रंजन के अलावा पुलिस महानिदेशक ए. के. जैन तथा आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव भी मौजूद थे। प्रश्नपत्र लीक हो जाने के मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने इस मामले में विशाल, ज्ञानेन्द्र तथा जय नामक व्यक्तियों को गिरफ्तार करके राज्य लोक सेवा आयोग को ‘क्लीन चिट’ दे दी है।

पुलिस महानिरीक्षक (एसटीएफ) सुजीत पांडेय ने आज संवाददाताओं से कहा, ‘प्रश्नपत्र लीक मामले में आयोग अथवा सरकार के किसी कर्मचारी अथवा अधिकारी का हाथ नहीं है।’ उन्होंने बताया कि यह स्थानीय मामला है और सारा कारनामा कल ही गिरफ्तार कर लिये गये तीनों युवकों का है, जिन्होंने पूछताछ में बताया कि उन्होंने यह योजना दो दिन पहले बनायी थी।

पुलिस महानिरीक्षक (एसटीएफ) सुजीत पांडेय ने इस मामले में गिरफ्तार तीनों युवकों विशाल मेहता, ज्ञानेन्द्र तथा जयसिंह से अब तक हुई पूछताछ के हवाले से बताया कि इन्होंने कल परीक्षा शुरु होने से लगभग डेढ घंटे पहले पर्चा खोला और उसकी तस्वीर लेकर उसे व्हाट्सएप्प पर डाल दी। प्रश्नपत्र लखनउ के आदर्श भारतीय विद्यालय कालेज से लीक किया गया था। उन्होंने बताया कि सूचना है कि प्रश्नपत्र एक-एक लाख रुपये में बेचे गए। लेकिन कितने अभ्यर्थियों को भेजे गये और गिरफ्तार युवकों को पैसा मिला अथवा नहीं, इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है।

विशाल आदर्श भारतीय विद्यालय कालेज के प्रबन्धक बलदेव मेहता का बेटा है। इस कालेज को पहली बार पीसीएस परीक्षा का केन्द्र बनाया गया था। बलदेव ने कहा, ‘हमारे कालेज को पहली बार पीसीएस परीक्षा केन्द्र बनाया गया था और परीक्षा की निगरानी मेरा बेटा विशाल कर रहा था।’ इस मामले में पकड़े गये दो अन्य लोगों ज्ञानेन्द्र और जय सिंह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अनुबंध पर रखे गये वे लोग कक्ष निरीक्षक के तौर पर ड्यूटी कर रहे थे।

पहली पाली की परीक्षा से बाहर निकलने पर जब अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र आउट हो जाने की खबर मिली तो उन्होंने राजधानी के अलीगंज स्थित लोक सेवा आयोग के कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया था। इसके अलावा इलाहाबाद, कानपुर एवं अन्य शहरों से भी बडी संख्या में छात्रों के विरोध प्रदर्शन की खबरें मिली थीं।

पर्चा लीक होने के विरोध में छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन आज लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। नाराज परीक्षार्थियों ने इलाहाबाद में राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की बर्खास्तगी की मांग करते हुए उनका पुतला फूंका तथा प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की।

नाराज परीक्षार्थियों ने कुछ अन्य स्थानों पर भी सरकार तथा आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी की तथा सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया। तनाव के मद्देनजर प्रशासन ने सम्बन्धित स्थानों पर रैपिड एक्शन फोर्स तथा पीएसी तैनात कर दी है।

अखिलेश नामक परीक्षार्थी ने कहा कि प्रश्नपत्र बहुत आसान था। वहीं, रेखा नामक परीक्षार्थी ने कहा, ‘हमें उस गुनाह की सजा मिल रही है, जो हमने किया ही नहीं।’ गौरतलब है कि यूपी पीसीएस 2015 के लिए कल प्रारम्भिक परीक्षा का पहला प्रश्न पत्र इम्तिहान शुरू होने से ठीक पहले आउट हो गया था। वह पर्चा पूर्वाहन लगभग 9.15 बजे व्हाट्सएप्प पर लीक हुआ था। उस एप्प पर भेजे गये प्रश्न पत्र का पीसीएस परीक्षा के पर्चे से मिलान किया गया तो प्रश्नपत्र लीक होने की पुष्टि हुई।

पर्चा लीक होने की बात सार्वजनिक होते ही पुलिस महानिदेशक ने मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी थी।

प्रदेश की प्रशासनिक सेवाओं के लिए होने वाली इस परीक्षा में कुल साढ़े चार लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था और उसके लिए प्रदेश में कुल 917 परीक्षा केन्द्र बनाये गये थे। अकेले राजधानी लखनउ में 148 परीक्षा केन्द्रों पर 70 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी।

प्रदेश की इस प्रतिष्ठित परीक्षा का प्रश्नपत्र आउट हो जाने के बाद विपक्षी दलों ने सारे मामले की सीबीआई जांच कराये जाने और आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव की बख्रास्तगी की मांग की थी।

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