500 दिन अकेले गुफा में रही महिला, अब बाहर आई तो बदल गई थी दुनिया, जानें आखिर क्‍यों उठाना पड़ा यह कदम
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500 दिन अकेले गुफा में रही महिला, अब बाहर आई तो बदल गई थी दुनिया, जानें आखिर क्‍यों उठाना पड़ा यह कदम

Shocking News : 48 साल की महिला एथलीट को बीते दिनों गुफा से बाहर निकाला गया. महिला पर्वतारोही ने 70 मीटर गहरी गुफा में 500 दिन बिताए और बाहरी दुनिया के संपर्क से दूर रही. आखिर महिला को ऐसा करने की जरूरत क्‍यों पड़ी?.  

 

500 दिन अकेले गुफा में रही महिला, अब बाहर आई तो बदल गई थी दुनिया, जानें आखिर क्‍यों उठाना पड़ा यह कदम

Agab Gajab : मनुष्‍य सामाजिक प्राणी होता है. अगर उसे समाज से काट दिया जाए तो उसका जीवन मुश्किल हो जाता है. क्‍या हो जब कोई 500 दिनों तक अकेले सुनसान जगह पर बिता दे. जी हां एक महिला ने इसे सच कर दिखाया है. महिला डेढ़ सालों तक अपने परिवार से दूर 230 फीट गहरी गुफा में रह रिकॉर्ड रच दिया. तो आइये जानते हैं आखिर महिला को ऐसा कदम क्‍यों उठाया पड़ा. 

सबसे ज्‍यादा दिन अकेले गुफा में रहने का रिकॉर्ड बनाया 
दरअलस, स्‍पेन की रहने वाली महिला एथलीट बीट्रिज फ्लैमिनी (Beatriz Flamini) एक पर्वतारोही हैं. दो साल पहले यानी नवंबर 2021 में वह 48 साल की थीं. तब उन्होंने ऐसा चैलेंज अपना लिया जिसके बाद उनकी दुनिया बदल गई. 20 नवंबर 2021 से लेकर 14 अप्रैल 2023 तक वह 230 फीट गहरी गुफा ग्रैंडा, स्पेन में रहकर अकेले सबसे ज्‍यादा दिन तक गुफा में रहने का रिकॉर्ड बना दिया. 

आखिर क्‍यों रहना पड़ा गुफा में 
बता दें कि कई साइकोलॉजिस्ट, रिसर्चर और स्पीलियोलॉजिस्ट (गुफाओं पर शोध करने वाले) ने मिलकर एक शोध को अंजाम दिया जिसके जरिए ये जानना था कि इंसानी शरीर और दिमाग की क्षमताएं कितनी हैं. इस शोध से ये जाना गया कि वीरान जगहों पर अकेले रहने से इंसान के शरीर में और उसके हावभाव में क्या बदलाव आते हैं. इसीलिए बीट्रिज फ्लैमिनी को अकेले 500 दिनों तक गुफा में रहना पड़ा. बीट्रिज फ्लैमिनी ने बताया कि दो महीने के बाद से उन्‍हें समय का अंदाजा नहीं लगा. 

दो बार जन्‍मदिन मनाया 
उन्होंने 70 मीटर गहरी गुफा में रहकर अकेले ही दो बार जन्‍म दिन मनाया. उनके लिए एक सपोर्ट टीम रखी गई थी, जो उनके ऊपर दिन रात नजर रखती थी पर वो किसी भी तरह उनसे संपर्क नहीं कर सकती थीं. सपोर्ट टीम ने बताया कि उनका अधिकतर वक्त एक्सरसाइज करने में बीता. इसके अलावा वो ड्रॉइंग करती थीं, और ऊनी टोपियां बिना करती थीं. इस डेढ़ साल के वक्त में उन्होंने करीब 1000 लीटर पानी पिया और 60 किताबें पढ़ डालीं. पिछले डेढ़ सालों में महिला नहाई भी नहीं है. 

जब बाहर निकलीं तो दुनिया बदल चुकी थी 
जब वो बाहर निकलीं तो तब दुनिया बदल चुकी थी. लंदन में क्वीन एलिजाबेथा द्वितीय की मौत हो चुकी थी. रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था. साथ ही पूरी दुनिया कोविड महामारी से जूझ रही थी. बीट्रिज फ्लैमिनी ने कहा कि गुफाएं काफी सुरक्षित स्थान हैं, लेकिन इंसान और मस्तिष्क के लिए बहुत प्रतिकूल हैं क्योंकि आप दिन का प्रकाश नहीं देखते हैं, आप नहीं जानते कि समय कैसे बीत रहा है. 

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