यूपी के इस जिले में महज एक घंटे में हो जाएगा कान के फटे पर्दे का ऑपरेशन, चीर फाड़ के बिना होगा इलाज
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यूपी के इस जिले में महज एक घंटे में हो जाएगा कान के फटे पर्दे का ऑपरेशन, चीर फाड़ के बिना होगा इलाज

अब कान के फटे पर्दे(Eardrum Rupture) के मरीजों को मिलेगा राहत. बाराबंकी के जिला अस्पताल में घंटो में किया जा रहा कान के फटे पर्दे का बेहतर इलाज

यूपी के इस जिले में महज एक घंटे में हो जाएगा कान के फटे पर्दे का ऑपरेशन, चीर फाड़ के बिना होगा इलाज

बाराबंकी/नितिन श्रीवास्तव:  बाराबंकी में रफी अहमद किदवई स्मारक जिला चिकित्सालय के ईएनटी विभाग ने एक बड़ा कीर्तिमान गढ़ा है. कान का पर्दा फट(Eardrum Rupture) जाने से परेशान मरीजों के लिए डॉक्टरों की टीम ने सफल और आसान इलाज लाए हैं. दूरबीन विधि यानी एंडोस्कोपी थर्मोप्लास्टी से एक मरीज के कान का सफल ऑपरेशन किया गया है. दरअसल पहले कान का पर्दा फट जाने पर इसका ऑपरेशन चीरा लगाकर किया जाता था.  जिसमें मरीज को हफ्तों अस्पताल में ही रहना पड़ता था. लेकिन, अब इस तरह के मरीजों का ऑपरेशन टिम्पेनोप्लास्टी प्रोसेस से महज डेढ़ घण्टे में ही हो जा रहा है. टिम्पेनोप्लास्टी में एक नेचुरल या सिंथेटिक क्राफ्ट का इस्तेमाल करके छेद हुए ईयरड्रम की सर्जिकल मरम्मत की जाती है. 

सफल हुआ ऑपरेशन 
जिले में सफदरगंज थाना क्षेत्र के रामपुर कटरा की रहने वाली 38 वर्षीय मुन्नी का कान का पर्दा फट गया था. इसी को लेकर मुन्नी बाराबंकी के पुरुष जिला अस्पताल में  ईएनटी सर्जन डा. सायमा से मिलीं. इसके बाद ईएनटी (ENT Surgen) सर्जन डा. सायमा अजीम ने प्राथमिकता से लिया और उनके ऑपरेशन की तैयारी शुरू की, जिसके बाद महज डेढ़ घंटे में उन्होंने मुन्नी के कान का सफल ऑपरेशन कर सफलता हासिल की. 

सूबे का पहला अस्पताल, जहां मिलेगा बेहतर इलाज 
डा. सायमा अजीम ने बताया कि बाराबंकी जिला अस्पताल सूबे का यह पहला अस्पताल है, जहां दूरबीन विधि से इस तरह का कान का सफल ऑपरेशन किया गया है. अभी तक बड़े मेडिकल कॉलेजों में दूरबीन विधि से कान के ऑपरेशन होते थे. लेकिन, अब इसका ऑपरेशन बाराबंकी के जिला अस्पताल में भी मुमकिन है. 

खतरनाक बीमारी को लोग कर देते है नजरंदाज 
डा. सायमा का कहना है कि लोगों को कान की कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं. इन्हीं में से एक है कान के पर्दे में छेद हो जाना। कान के पर्दे में छेद हो जाने के सामान्य लक्षणों में कान का बहना और सुनाई कम देना प्रमुख हैं. उन्होंने बताया कि इस खतरनाक बीमारी को लोग अक्सर नजरअंदाज करने लगते हैं, जिससे कान के अंदर सुनाई देने वाली हड्डियां गलने लगती हैं और उससे मरीज को चक्कर, उल्टी, चेहरे का टेढ़ापन और दिमागी बुखार की समस्या भी हो सकती है. 

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कान का पर्दा फटने का क्या कारण है...
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मध्य कान का संक्रमण.
-कान के परदे में चोट लगना या दुर्घटना.
-कान साफ करने के लिए कपास की कलियाँ का इस्तेमाल या बाहरी वस्तु डालना.
-हवाई जहाज में यात्रा करते समय या गहरे पानी में तैरते समय कानों पर भारी दबाव के कारन। (Ear Barotrauma)
-कान के नजदीक अचानक तेज आवाज या विस्फोट। (Acoustic trauma)

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