UP News: झांसी घरों में पानी की समस्या का समाधान न होने पर लोगों ने मकान बेचने के लगाए पोस्टर
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अब्दुल सत्तार/झांसी: झांसी शहर के मेहंदी बाग और खजूर बाग मोहल्ले के रहने वाले 30 से ज्यादा लोगों ने अपने घरों के बाहर मकान बिकाऊ के पोस्टर लगा रखा है. दरअसल, मोहल्ले में बारिश के दिनों में जलभराव की समस्या बनी रहती है. इसकी कई बार शिकायत करने के बाद भी नगर निगम की तरफ से कोई समाधान नहीं निकाला गया. न ऐसा होता दिख रहा है. ऐसे में लोगों ने मोहल्ला ही छोड़ने का मन बना लिया है. लोगों ने अपने घर के बाहर मकान बिकाऊ के पोस्टर चस्पा कर दिए हैं. वहीं, मकान बिकाऊ होने की बात सामने आते ही नगर आयुक्त जल्द समस्या का निदान करने का दावा कर रहे है.
दरअसल, झांसी नगर निगम की तरफ से आंतिया तालाब का सुन्दरीकरण कराया जा रहा है. इसलिए तालाब में उतरने वाले नालों को अब रिंग नाला बनाकर पानी के निकासी की दिशा मेहंदी बाग और खजूर बाग मोहल्ले की तरफ कर दी गई है. इससे बरसात के दिनों में जब कई नालों का पानी भरता है, तो ये दोनों कॉलोनी डूब जाती है. ऐसे में लोगों के घरों में चार से पांच फीट पानी भर जाता. इस जलभराव ने वहां रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढा दी है. इसलिए लोगों ने अपना मकान बेचने का मन बना लिया है. लोगों ने अपने-अपने घरों के बाहर मकान बिकाऊ के पोस्टर चस्पा कर दिए हैं.
वहीं, झांसी रानी लक्ष्मीबाई की बंशज माधुरी नेवालकर ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बरसात का पानी घरों में भर जाता है. इसकी कई बार शिकायत अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसलिए अब मकान बैचने का निर्णय लिया है. वहीं, विवेक गोस्वामी ने बताया कि यहां सभी के घरों में पानी भरता है. इससे हम बहुत परेशान हैं. कई लोगों ने घरों के बाहर मकान बैचने के पोस्टर लगाए हैं. राजेश्वरी नायक ने बताया कि बारिश का पानी घरों में भर जाता है. इसके अलावा जहारीले सांप और बिच्छू भी घरों में आ जाते है. नीरज नायक ने बताया कि हमारे अलावा कॉलोनी के 30 से 35 लोगों ने मकान बैचने के पोस्टर लगा रखा है. खरीददारों के फोन तो आ रहे हैं, लेकिन पानी भरने की बात सुनकर कोई जबाब नहीं देते हैं.
मामले में नगर आयुक्त ने दी जानकारी
इस मामले में नगर आयुक्त पुलकित गर्ग ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि खजूर बाग और उसके आसपास के लोग हैं. उन्होंने कहा मैं बताना चाहता हूं कि फरवरी के अंत में हमें शासन से धनराशि प्राप्त होने वाली है. इसका प्रस्ताव भी बन चुका है. फंड आने के बाद मार्च में टेंडर कराकर अगले दो महीने में यह काम पूरा कराकर समस्या को खत्म करा दिया जाएगा. वहीं, उन्होंने दावा किया कि आने वाले मानसून में ऐसी समस्या नहीं होगी.