Rajiv Gandhi Birth Anniversary 2022: कभी राजनीति में न आते राजीव गांधी, अगर उनके साथ न होती ये दुर्घटना.. ऐसे बदली देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री की जिदंगी
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Rajiv Gandhi Birth Anniversary 2022: कभी राजनीति में न आते राजीव गांधी, अगर उनके साथ न होती ये दुर्घटना.. ऐसे बदली देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री की जिदंगी

Rajiv Gandhi Birth Anniversary 2022: राजीव गांधी को भारत में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और कम्युनिकेशन क्रांति का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने इकनॉमी के उदारीकरण और सरकारी नौकरशाही में सुधार लाने के लिए कई कदम उठाए.  देश के पूर्व पीएम राजीव गांधी की जयंती 20 अगस्त को 'सद्भावना दिवस' या सद्भाव दिवस के तौर पर मनाया जाता है...

Rajiv Gandhi Birth Anniversary 2022: कभी राजनीति में न आते राजीव गांधी, अगर उनके साथ न होती ये दुर्घटना.. ऐसे बदली देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री की जिदंगी

Rajiv Gandhi Anniversary 2022: देश के पूर्व प्रधानमंत्री और दिवंगत कांग्रेस नेता राजीव गांधी की आज 78वीं जयंती है. इस मौके पर राहुल गांधी व प्रियंका गांधी ने उनके समाधि स्थल वीर भूमि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान रॉबर्ट वाड्रा के अलावा कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेता भी मौजूद रहे. राजीव गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

राजीव गांधी का जन्म मुंबई में 20 अगस्त 1944 को हुआ था. 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वे प्रधानमंत्री (1984-1989) बने थे. राजीव गांधी ने देहरादून के प्रतिष्ठित दून स्कूल से पढ़ाई की थी. इसके बाद उन्होंने लंदन के इंपीरियल कॉलेज में एडमिशन लिया और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग का कोर्स किया.  20 अगस्त 1944 को जन्मे राजीव गांधी ने 37 साल की उम्र में 1981 में राजनीति में कदम रखा था. इसके बाद उनके राजनीतिक जीवन की पहली चुनावी आमसभा सागर जिले के बीना में हुई थी. 

21 साल से घटाकर की गई उम्र 18 साल

राजीव गांधी की सरकार संसद में संविधान संशोधन बिल लेकर आई. 61वें संशोधन के जरिए संविधान की अनुच्छेद 326 में बदलाव कर वोट करने की उम्र 21 साल से कम कर के 18 साल कर दी गई. इस अहम फैसले के बाद राजीव गांधी ने कहा था कि यह संशोधन देश के युवाओं के प्रति हमारे विश्वास की अभिव्यक्ति है.  

इसलिए राजनीति में आए थे राजीव गांधी
राजीव गांधी कभी राजनीति में न आते, अगर उनके छोटे भाई संजय गांधी का विमान दुर्घटना में निधन न हुआ होता. 23 जून 1980 को जब संजय गांधी का प्लेन क्रैश हुआ तो उसके बाद उनकी जिंदगी बदल गई. ऐसे उनका राजनीति में पर्दापण हो गया. जून 1981 में अमेठी लोकसभा उपचुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई. उन्हें 258,884 वोट मिले थे. इस सीट पर संजय गांधी के निधन के बाद उपचुनाव हुए थे. इसी महीने राजीव युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मेंबर भी बने.

राजीव गांधी का यूपी से गहरा नाता
देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जन्म यूं तो मुंबई में हुआ लेकिन उनका ननिहाल प्रयागराज (पहले इलाहाबाद) होने के कारण उनका यहां से काफी लगाव रहा. उनकी कर्मभूमि प्रयागराज ही रही. यहीं से उन्होंने अमिताभ बच्चन को चुनाव लड़वाया था. यहां हर साल होने वाली अखिल भारतीय इंदिरा प्राइमजनी मैराथन की शुरुआत राजीव गांधी ने ही की थी.

इटली की सोनिया और भारत के राजीव की पहली मुलाकात कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में हुई थी. सोनिया और राजीव की पहली मुलाकात उनके एक दोस्त के जरिए हुई थी. जिसके बाद राजीव ने पहली मुलाकात में ही सोनिया के साथ जिंदगी बिताने का फैसला कर लिया था.यहीं से उनकी लव-स्टोरी की शुरुआत हुई. 

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