Ramcharit Manas row : स्‍वामी प्रसाद मौर्य बोले, सीएम योगी ने रामचरित मानस की चौपाई का बताया गलत अर्थ, अपनी सफाई पेश की
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Ramcharit Manas row : स्‍वामी प्रसाद मौर्य बोले, सीएम योगी ने रामचरित मानस की चौपाई का बताया गलत अर्थ, अपनी सफाई पेश की

Ramcharit Manas row :  बजट सत्र के छठें दिन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने रामचरित मानस की चौपाई दोहराने की चुनौती को स्‍वीकार करते हुए इसका मतलब बताया. 

Ramcharit Manas row : स्‍वामी प्रसाद मौर्य बोले, सीएम योगी ने रामचरित मानस की चौपाई का बताया गलत अर्थ, अपनी सफाई पेश की

UP Budget Session 2023 : यूपी विधानसभा बजट सत्र के छठें दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने रामचरित मानस की चौपाई दोहराने की चुनौती को स्‍वीकार करते हुए सदन में इसका मतलब बता दिया. तो वहीं, सपा नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य सीएम योगी द्वारा बताए गए मतलब को गलत ठहरा दिया. 

स्‍वामी प्रसाद का सीएम पर गलत अर्थ बताने का आरोप 
समाजवादी पार्टी के महासचिव स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सूबे के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ सदन में रामचरित मानस की चौपाई का गलत अर्थ बता रहे हैं. स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो चौपाइयों का सही मतलब है उससे भ्रमित कर रहे हैं. 

ओमप्रकाश राजभर का स्‍वामी प्रसाद पर तंज 
वहीं, स्‍वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान को लेकर सुभासपा अध्‍यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने सपा पर निशाना साधा. सुभासपा अध्‍यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि रामचरित मानस को लेकर सपा का ज्ञान अधूरा है. सपा प्रदेश में गुंडों को पालती है. वहीं, मुख्‍यमंत्री योगी का प्रदेश के अपराधियों के खिलाफ अच्‍छी नीति है. उन्‍होंने कहा कि सीएम योगी अपराधियों पर जो कार्रवाई कर रहे हैं वह सही है. 

सीएम योगी ने यह बताया मतलब 
बता दें कि इससे पहले सदन में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने न केवल ढोल गंवार शूद्र पशु नारी... वाली लाइन दोहराई बल्कि ऐतिहासिक काल में लिखी गई इस पंक्ति का मतलब भी बता दिया. सीएम योगी ने कहा कि ‘रामचरितमानस अवधी में रची गई है. अवधी का एक वाक्य है, भया एतनी देर से केका ताड़त अहा. ताड़त का मतलब क्या मारने से होता है, इसका मतलब देखने से है.’ वहीं, अगर आप रामचरितमानस के सुदंरकांड में जाएंगे तो प्रसंग तब आता है जब भगवान राम तीन दिन तक लंका में जाने के लिए समुद्र से रास्ता मांगते हैं. तब चौपाई आती है कि भय भिन होई न प्रीति. लक्ष्मण तीर-धनुष लेकर आते हैं. चेतावनी के बाद समंदर आते हैं और भगवान राम से कहते हैं. यह वही पंक्ति हैं. ‘प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्हीं, मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्हीं, ढोल गवांर सूद्र पसु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी.’

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