सूखा झेलने वाले बुंदेलखंड को यूनिवर्सिटी के लिए दान कर दी 25 एकड़ जमीन, हमीरपुर का छोरा आज स्वीडन में प्रोफेसर
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सूखा झेलने वाले बुंदेलखंड को यूनिवर्सिटी के लिए दान कर दी 25 एकड़ जमीन, हमीरपुर का छोरा आज स्वीडन में प्रोफेसर

Hamirpur News: सूखा झेलने वाले बुंदेलखंड में दुनिया की पहला जल विश्वविद्यालय खोला जाएगा. इस यूनिवर्सिटी को खोलने की पहल हमीरपुर के रहने वाले प्रोफेसर रविकांत पाठक और पद्मश्री से सम्मानित जलयोद्धा उमाशंकर पांडेय ने की है. प्रो. रविकांत ने इस यूनिवर्सिटी के लिए 25 एकड़ भूमि भी दान की है. 

Bundelkhand (File Photo)

हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र से एक अच्छी खबर आ रही है. यहां के हमीरपुर जिले में दुनिया का पहला जल विश्वविद्यालय खोला जाएगा. भविष्य में जल संकट को देखते हुए इस यूनिवर्सिटी को खोला जाएगा. यहां पानी से जुड़ी पढ़ाई और रिसर्च की जाएगी. इस यूनिवर्सिटी को खोलने की पहल स्वीडन के पर्यावरण वैज्ञानिक प्रो. रविकांत पाठक और पद्मश्री से सम्मानित जलयोद्धा उमाशंकर पांडेय ने की है. प्रो. रविकांत ने इस यूनिवर्सिटी के लिए 25 एकड़ भूमि भी दान की है. जिले के पूर्व जिलाधिकारी डॉ. चंद्रभूषण ने इस विश्वविद्यालय का प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग को भेज दिया था.

जानकारी के मुताबिक प्रोफेसर रविकांत पाठक हमीरपुर जिले के रिरुईपारा के रहने वाले हैं. इस समय वह स्वीडन में यूनिवर्सिटी ऑफ गोथेनबर्ग में पर्यावरण विभाग के वैज्ञानिक हैं. प्रो. रविकांत ने इस जल विश्वविद्यालय को खोलने की पहल की है. इस यूनिवर्सिटी में शिक्षा संकाय खोला जाएगा. यहां पर पांच कोर्स शुरू किए जाएंगे. इस कोर्स के नाम जल विज्ञान, जल अभइयांत्रिकी और प्रौद्योगिकी, जल प्रबंधन, जल और मानविकी एवं जल और अंतरिक्ष होंगे. इसके साथ ही कुछ गतिविधियां भी संपन्न कराई जा सकती हैं. इसमें समाज के लिए जल, प्रकृति के लिए जल, जल संसाधन निरीक्षण और मूल्यांकन, जल संस्थान और जल आपदा प्रबंधन शामिल हैं. 

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प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि यह पहला विश्वविद्यालय होगा जहां पर छात्र-छात्राएं जल की कमी से पैदा हो रही समस्याओं का एडवांस टैक्नोलॉजी से समाधान खोजेंगे. यहां पर यूजी के मानकों के अनुरूप ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. इसमें जल संरक्षण और जल संकट को कोर्स के रूप में शामिल किया जाएगा. बता दें कि यह दुनिया का पहला जल विश्वविद्यालय होगा जहां पर जल संरक्षण का पाठ पढ़ाया जाएगा. हमीरपुर के पूर्व जिलाधिकारी डॉ. चंद्रभूषण ने इस यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव 30 अगस्त को उच्च शिक्षा विभाग को भेज दिया था.

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