Uttarakhand News: उत्तराखंड की दुर्गम पहाड़ी पर दिव्य औषधियों की खोज, NIM और पतंजलि ने मिलाया हाथ
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1851770

Uttarakhand News: उत्तराखंड की दुर्गम पहाड़ी पर दिव्य औषधियों की खोज, NIM और पतंजलि ने मिलाया हाथ

Uttarakhand News: उत्तराखंड की दुर्गम हर्षिल पहाड़ी पर दिव्य औषधियों की खोज की जाएगी. नेहरू पर्वतारोहण संस्थान और पतंजलि आयुर्वेद ने इस काम के लिए हाथ मिलाया है. शनिवार को 30 सदस्यीय संयुक्त दल हर्षिल घाटी के हॉर्न-2 पर्वत की चढ़ाई शुरू करेगा.

Acharya Balkrishn Photo

हेमकांत नौटियाल/उत्तरकाशी: नेहरू पर्वतारोहण संस्थान और पतंजलि आयुर्वेद हरिद्वार का 30 सदस्यीय सयुंक दल शनिवार को हॉर्न ऑफ हर्षिल चोटी की चढ़ाई के लिए रवाना होगा. इस पर्वतारोहण अभियान के दौरान घाटी में दुर्लभ औषधीय पौधों की खोज की जाएगी. जानकारी के मुताबिक पिछली साल निम और पतंजलि आयुर्वेद हरिद्वार द्वारा गंगोत्री ग्लेशियर की चोटियों में इस प्रकार के अभियान का आयोजन किया गया था.

उत्तरकाशी से रवाना होगा संयुक्त दल
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी और पतंजलि आयुर्वेद हरिद्वार का संयुक्त दल गंगोत्री घाटी के हार्न ऑफ हर्षिल चोटी के शिखर का आरोहण करने लिए आज उत्तरकाशी से रवाना होगा. करीब चार हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित हार्न ऑफ हर्षिल चोटी की चढ़ाई के लिए दल शनिवार को रवाना होगा. इस अभियान का नेतृत्व पतंजलि आयुर्वेद के आचार्य बालकृष्ण और संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमान भदौरिया करेंगे. शुक्रवार देर शाम पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से आचार्य बालकृष्ण नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी पहुंचे. इस अन्वेषण अभियान में पर्वतारोहण प्रशिक्षक एवं वनस्पति शास्त्री और वैज्ञानिक भी मौजूद रहेंगे. 

Aditya L1 Launch: क्या सूर्य पर उतरेगा आदित्य-एल1? जानें ISRO के मिशन से जुड़े हर सवाल का जवाब

आचार्य बालकृष्ण और प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमान भदौरिया ने अन्वेषण अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि इस संयुक्त अभियान का मुख्य उद्देश्य हर्षिल हॉर्न-2 पर्वत शिखर का आरोहण करने के साथ अन्वेषण का कार्य करना है, जिससे इस क्षेत्र में पाए जाने वाले दुर्लभ औषधीय पौधों की जानकारी को एकत्रित किया जा सके. यह संयुक्त अभियान अपने आप में एक अत्यंत विशेष अभियान है. इसमें हिमालय में स्थित दुर्गम तथा विषम भौगोलिक क्षेत्र में औषधीय पौधों की जानकारी जुटाई जाएगी. इस अभियान के दौरान दिव्य औषधियां मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, जिनसे भविष्य में दवाइयां बनाने में लाभ होगा. 

Watch: कब, कहां और कैसे फ्री में देखें भारत-पाकिस्तान का मुकाबला, 4 साल बाद हो रही भिड़ंत

 

Trending news