वाराणसी हिंदू विश्वविद्यालय(BHU) में लंबे वक्त से खाली चल रहे के वाइस चांसलर का पद आज भर गया. दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू (JNU)विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राकेश भटनागर ने BHU के वाइस चांसलर के तौर पर पदभार ग्रहण किया.
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वाराणसी: वाराणसी हिंदू विश्वविद्यालय(BHU) में लंबे वक्त से खाली चल रहे के वाइस चांसलर का पद आज भर गया. दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के प्रोफेसर राकेश भटनागर ने BHU के वाइस चांसलर के तौर पर पदभार ग्रहण किया. उन्होंने परंपरा का निर्वहन करते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और बाबा काल भैरव का दर्शन पूजन किया और फिर विश्वविद्यालय पहुंचकर औपचारिकताओं को पूरा किया. प्रोफेसर राकेश भटनाकर BHU के 27वें वाइस चांसलर के रूप में पदभार ग्रहण किया है. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मैं एक साइंटिस्ट हूं और होशियार भी हूं, इसलिए परेशान होने की जरूरत नहीं है.
प्रोफेसर राकेश भटनागर ने कहा कि मैं सभी से मिल जुल कर BHU के एजुकेशन और रिसर्च को नए मुकाम पर ले जाऊंगा. उन्होंने कहा कि छात्रों को इस काबिल बनाएंगे कि दुनिया उन्हें सलाम करे. यहां के छात्रों को दुनिया के किसी कोने में काम के लिए किसी का मोहताज नहीं होना पड़ेगा. उनका कहना था कि छात्रों को ये समझना चाहिए कि आप पढ़कर सिर्फ नौकरी न करें, बल्कि कुछ ऐसा और अलग करें जिससे कि आप नौकरी देकर दूसरों का भला कर सकें.
बीएचयू के नवनियुक्त कुलपति, प्रो. राकेश भटनागर जी ने बाबा काल भैरव तथा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया। pic.twitter.com/etLdyIkf3b
— BHU (@VCofficeBHU) 28 March 2018
महिला को सम्मान देना ही उन्हें बराबरी का हक देना- प्रोफेसर राकेश भटनागर
BHU की समस्याओं को लेकर उन्होंने कहा कि समस्या का होना बड़ी बात नहीं, समस्या का शीघ्र समाधान होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच के साथ जो भी मिलना चाहेगा उसके लिए दरवाजा खुला है, लेकिन केवल नकारात्मक बातें या अराजकता फैलाने वाली बातों के लिए मेरे पास वक्त नहीं है. वैसे मैं संवाद में विश्वास रखता हूं, संवादहीनता में नहीं.
Support of the students, faculty members and non-teaching staff is must to take this reputed University founded by the great visionary Mahamana Malaviyaji to new heights. Prof. Rakesh Bhatnagar, VC pic.twitter.com/Q4ZQc66tk2
— BHU (@VCofficeBHU) 28 March 2018
विश्वविद्यालय में आए दिन छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसको लेकर छात्रों को सही रास्ता दिखाने की और सही काम के लिए मोटिवेट करने की जरूरत है. वर्कशॉप और सेमीनार आयोजित किए जाएंगे, जिसके जरिए मेरी कोशिश होगी कि छात्रों के दिल दिमाग में महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव आए. इसके लिए खुद को उदाहरण के तौर पेश भी करना होगा. छात्र से लेकर शिक्षक तक को यह मानना होगा कि छात्रा और महिला को सम्मान देना है उन्हें बराबरी का हक देना है.
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छात्रसंघ किसी समस्या का हल नहीं- वाइस चांसलर
विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यूनियन होना किसी समस्या का हल नहीं. अगर ऐसा होता तो JNU में कोई समस्या नहीं होती. जब उनसे JNU में देश विरोधी गतिविधियों को लेकर सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि हम भारत में रह रहे हैं और जरूरी है कि हम राष्ट्रवादी रहें. इस देश ने हमें इतना कुछ दिया और हम इसका विरोध नहीं कर सकते. दरअसल, प्रोफेसर राकेश भटनागर के ज्वाइन करने के बाद ही यह सवाल उठ रहे हैं की उनकी ज्वाइनिंग ऐसे वक्त में हुई है, जब BHU का माहौल बहुत ज्यादा खराब है.
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27 नवंबर 2017 से खाली था अब तक ये पद
बता दें, 22 सितंबर 2017 को विश्वविद्यालय कैंपस में छेड़खानी की घटना को लेकर छात्रों पर हुए लाठीचार्ज और उग्र प्रदर्शन के बाद तत्कालीन वाइस चांसलर प्रोफेसर जीसी त्रिपाठी आरोपों के घेरे में थे. उस घटना की वजह से HRD मिनिस्ट्री ने उनको कार्यकाल पूरा होने से पहले ही छुट्टी पर भेज दिया था. उनके जाने के बाद 27 नवंबर से लेकर अब तक BHU में वाइस चांसलर का पद खाली चल रहा था.