उत्तर प्रदेश विधानसभा में ख़तरनाक विस्फोटक: योगी सरकार ने बताया 'आतंकी साज़िश', एनआईए जांच की सिफ़ारिश
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उत्तर प्रदेश विधानसभा में ख़तरनाक विस्फोटक: योगी सरकार ने बताया 'आतंकी साज़िश', एनआईए जांच की सिफ़ारिश

12 जुलाई को सदन में सदस्यों की एक बेंच के पास पाया गया 150 ग्राम पीईटीएन विस्फोटक बेहद शक्तिशाली था और विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी 500 ग्राम मात्रा समूची विधानसभा को विस्फोट करके उड़ाने में सक्षम होती.

12 जुलाई को बजट सत्र के दौरान विधानसभा में अपने विचार व्यक्त करते उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ. (PHOTO : Yogi Adityanath/Twitter)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा सदन के अंदर अत्यन्त उच्च शक्ति वाला विस्फोटक बरामद होने के बाद इस बेहद कड़े हिफाजती बंदोबस्त वाले परिसर की सुरक्षा पर गम्भीर सवाल खड़े हो गये. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मांग किये जाने के बाद सदन ने सर्वसम्मति से इस मामले की जांच राष्ट्रीय अनुसंधान एजेंसी (एनआईए) से कराने की संस्तुति की. इस मामले में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पिछली 12 जुलाई को विधानसभा सदन में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चैधरी की बेंच के पास कागज में लिपटे पाये गये करीब 60 ग्राम पाउडर की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के दौरान खतरनाक विस्फोटक पीईटीएन के रूप में पहचान हुई.

विधानभवन के सुरक्षा तंत्र में हड़कम्प मचा देने वाली इस घटना के बाद एक आपात बैठक करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाद में विधानसभा में कहा कि गत 12 जुलाई को सदन में सदस्यों की एक बेंच के पास पाया गया 150 ग्राम पीईटीएन विस्फोटक बेहद शक्तिशाली था और विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी 500 ग्राम मात्रा समूची विधानसभा को विस्फोट करके उड़ाने में सक्षम होती.

उन्होंने कहा कि इस गम्भीर मामले की एनआईए से जांच करायी जानी चाहिये. साथ ही विधानभवन में काम करने वाले सभी कर्मचारियों का पुलिस से सत्यापन कराया जाना चाहिये, क्योंकि यह 500 से ज्यादा विधायकों और विधान परिषद सदस्यों की सुरक्षा तथा प्रदेश की 22 करोड़ जनता के विश्वास का सवाल है. योगी ने कहा कि सदन की सुरक्षा हमारी चिन्ता का विषय है. यह खतरनाक आतंकवादी साजिश का हिस्सा है और इसे बेनकाब किया जाना चाहिये. राज्य सरकार चाहती है कि इस मामले की एनआईए से जांच करायी जाए.

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने इस पर कहा, ‘सम्पूर्ण सदन इस मामले की एनआईए से जांच कराने के लिये सहमत है, ताकि इस विस्फोटक की बरामदगी और इसके पीछे की साजिश को बेनकाब किया जा सके.’ इसके बाद सदन ने मामले की एनआईए से जांच कराने सम्बन्धी प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया.

मुख्यमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल के अभाव की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अगर सदन में कोई आतंकवादी हमला हो जाए तो उसे रोकने के लिये कोई तंत्र नहीं है. उन्होंने कहा कि विधानभवन के हर गेट पर एक त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) तैनात किया जाना चाहिये और सुरक्षा प्रणाली में एकरूपता होनी चाहिये. इस बीच, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आनन्द कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि विस्फोट करने के लिये विस्फोटक पदार्थ के साथ डेटोनेटर और पावर पैक की जरूरत होती है. विधानसभा के अंदर केवल विस्फोटक पाउडर बरामद किया गया है.

उन्होंने कहा कि 150 ग्राम पीईटीएन किसी तरह का विस्फोट करने के लिये पर्याप्त नहीं है. बहरहाल, हजरतगंज कोतवाली में अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 120(ब) (साजिश रचना) तथा 121(अ) (राष्ट्र के खिलाफ युद्ध छेड़ना) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. मालूम हो कि पीईटीएन दुनिया के सबसे खतरनाक विस्फोटकों में शुमार किया जाता है और आतंकवादी अक्सर विस्फोट करने में इसका इस्तेमाल करते हैं. इस गंधहीन पाउडर को ना तो मेटल डिटेक्टर से पकड़ा जा सकता है और ना ही खोजी कुत्ते इसका कोई सुराग दे पाते हैं.

इस बीच, पुलिस ने पिछले दिनों अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) कुमार को फोन करके आगामी 15 अगस्त को विधानभवन को बम से उड़ाने की धमकी देने के आरोप में 20 वर्षीय फरहान अहमद को देवरिया जिले में कल गिरफ्तार कर लिया. स्थानीय पुलिस के साथ खुफिया संगठनों के अधिकारी भी उससे पूछताछ कर रहे हैं. हालांकि कुमार ने कहा कि अहमद की हरकत को विधानसभा में विस्फोटक बरामद किये जाने की घटना से जोड़ना अभी जल्दबाजी होगी.

इधर, राज्य पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के महानिरीक्षक असीम अरुण ने कहा कि एटीएस फिलहाल मामले की जांच कर रही है. इस सवाल पर कि किस विधायक की सीट के नीचे वह विस्फोटक बरामद किया गया, अरुण ने बताया ‘उस सीट को चिह्नित कर लिया गया है और जरूरत पड़ी तो हम उस विधायक तथा उसके आसपास बैठे विधायकों से पूछताछ करेंगे. हमें सभी का सहयोग मिल रहा है.’

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने मुख्यमंत्री के बयान के बाद सदन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये अनेक कदमों की घोषणा की. दीक्षित ने कहा, ‘सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले हमने बैठक की थी, जिसमें सदन की सुरक्षा के लिये अनेक कदम उठाने का फैसला किया है. अब विधानभवन के सभी द्वारों पर पीएसी की क्यूआरटी तैनात की जाएगी और पूरे शरीर की तलाशी के लिये स्कैनर लगाए जाएंगे. सभी विधायकों और उनके प्रतिनिधियों को जारी पास निरस्त किये जाएंगे और विधायकों को सिर्फ एक वाहन पास ही जारी किया जाएगा.’ 

उन्होंने कहा कि विधायकों के वाहन चालकों का सत्यापन किया जाएगा और जिनके पास वैध पास नहीं होगा, उन्हें विधानभवन परिसर में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा. दीक्षित ने एटीएस की टीम को तफ्तीश के लिये सदन में दाखिल होने की इजाजत भी दी. नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चैधरी ने कहा कि वह सदन की सुरक्षा के लिये उठाये गये कदमों को स्वीकार करते हैं. किसी को भी सदन की सुरक्षा में सेंध लगाने की इजाजत नहीं दी जा सकती.

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