हिंदू बहुसंख्यक होने के बाद भी सहनशील हैं . वो ये सब सहते चले गये. उन्होंने ये सब स्वीकार कर लिया. और उन्हें इस पूरे मंथन में सिर्फ राजनीतिक विष ही मिला.. उन्हें राम मंदिर कभी नहीं मिला.
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अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर..आजकल पूरे देश में बहस हो रही है. पूरे देश के साधु-संत.. 25 नवंबर को अयोध्या में धर्मसभा की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन विडंबना ये है कि राम मंदिर के सबसे बड़े भगवान.. आज कहां हैं और किस हाल में है... इसके बारे में देश के ज़्यादातर लोगों को जानकारी ही नहीं है. भगवान राम को आप भारत के 135 करोड़ लोगों का DNA भी कह सकते हैं. लेकिन भारत एक ऐसा अनोखा देश है जिसने अपनी संस्कृति के सबसे बड़े प्रतीक.. भगवान राम को ही एक Waiting Room में बैठा दिया. और ये Waiting Room भी कोई मंदिर नहीं.. बल्कि एक टेंट है. हालत ये है कि टेंट में मौजूद रामलला की तस्वीर लेना और वीडियो रिकॉर्ड करना भी कानूनी रूप से एक अपराध है. लेकिन आज हम अयोध्या में टेंट में रहने वाले रामलला का दुर्लभ वीडियो आपको दिखाएंगे. ये रामलला का वो वीडियो है, जिसे देखकर आप दुखी हो जाएंगे. ये वीडियो दिसंबर 1992 का है.. तब से अब तक बहुत कुछ बदल चुका है.. लेकिन एक बात आज भी नहीं बदली है.. और वो ये कि रामलला आज भी टेंट में विराजमान हैं.
1992 का ये वीडियो हमने ज़ी न्यूज़ की लाइब्रेरी से निकाला है.. Zee News की Library देश की सबसे बड़ी और पुरानी Library है . देश की हर छोटी-बड़ी घटना का Video Zee News की Library में मौजूद है . और इसी Library से आज हमने राम लला का वीडियो निकाला है. इस तस्वीर को देखकर आप भी दुखी हो गये होंगे. वर्ष 1992 के 26 वर्ष बाद... वर्ष 2018 में ... राम लला के दर्शन और भी दुर्लभ हो चुके हैं . राम लला के दर्शन अगर मिलते भी हैं तो सिर्फ़ कुछ सेकेंड के लिए . लेकिन आज हम आपको उस जगह की तस्वीरें दिखा रहे हैं... जिसे राम जन्म भूमि कहा जाता है और जहां पर राम लला विराजमान हैं .
अब हम पूरे देश को तीन तस्वीरें दिखाना चाहते हैं . पहली तस्वीर राम लला की है . सबसे बड़ा विरोधाभास ये है कि राम लला पर Debate, Air Conditioned Studio में होती है . राम लला पर राजनीति करने वाले सुख और ऐश्वर्य भोग रहे हैं लेकिन राम लला का ऐश्वर्य... एक Tent में सिमट चुका है . भारत के 107 करोड़ हिंदुओं के आराध्य देवता का जन्म जहां हुआ...वो जगह पूरी दुनिया के मानचित्र में मौजूद पवित्र स्थानों में से एक है. लेकिन राम जन्मभूमि का ऐश्वर्य, दूसरे स्थानों की तुलना में कैसा है आप खुद ही देखिए.
सऊदी अरब का शहर, मक्का... इस्लाम धर्म के संस्थापक, पैगम्बर मुहम्मद साहब की जन्मभूमि है . दुनिया के एक अरब 80 करोड़ मुसलमान, दिन में 5 बार मक्का की दिशा की तरफ सिर झुकाकर नमाज़ पढ़ते हैं . अगर हम मक्का को दुनिया का सबसे सम्मानित शहर कहें तो गलत नहीं होगा . इसी तरह ईसाई धर्म के लोगों की ये मान्यता है कि ईसा मसीह का जन्म बेथलेहम में हुआ था . हर वर्ष 25 दिसंबर को दुनिया के नक्शे में बेथलेहम का वैभव और प्रतिष्ठा देखते ही बनती है . ईसा मसीह की जन्मभूमि पर लगातार उत्सव होते हैं.
इन तीन तस्वीरों को देखकर आपको ये समझ में आ जाएगा कि हिंदुओँ को अपनी सहनशीलता की कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. हिंदू बहुसंख्यक होने के बाद भी सहनशील हैं . वो ये सब सहते चले गये. उन्होंने ये सब स्वीकार कर लिया. और उन्हें इस पूरे मंथन में सिर्फ राजनीतिक विष ही मिला.. उन्हें राम मंदिर कभी नहीं मिला.
यहां आपको बता दें कि वर्ष 2015 में राम लला के Tent की स्थिति बहुत खराब हो गई थी. Tent बदलने के लिए राम लला के पुजारियों को पूरी व्यवस्था के चक्कर लगाने पड़े. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दायर की गई . तब जाकर राम लला का Tent बदलने की अनुमति मिली . इसमें तीन हफ्ते का समय लगा और दोनों पक्षों और परिसर के अधिकारियों की मौजूदगी में Tent को बदलने का काम हुआ. इससे ये पता चलता है कि हिंदुओं के आराध्य देवता भगवान राम किस स्थिति में हैं .
आपने राम लला के Tent का 26 वर्ष पुराना वीडियो देखा . लेकिन आज भगवान राम का ये दरबार कैसा दिखता है . इसके बारे में आपको हमारे सहयोगी सचिन अरोड़ा बताएंगे, जो हाल ही में अयोध्या से लौट कर आए हैं . जिस जगह पर राम लला विराजमान हैं वहां विवादित स्थल की 70 एकड़ की ज़मीन पर Fencing की गई है . इस टेंट तक पहुंचने के रास्तों में बड़ी-बड़ी सलाखें लगी हुई हैं .
उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान और CRPF के कमांडो वहां की सुरक्षा में तैनात हैं . इस टेंट तक पहुंचने के लिए आपको कई तरह की सुरक्षा जांच से गुज़रना होगा. और यहां 51 फीट यानी करीब 16 मीटर की दूरी से ही राम लला के दर्शन किए जा सकते हैं. 2018 में राम लला के दर्शन का क्या अनुभव है ये जानने के लिए हम सचिन अरोड़ा के पास चलते हैं .
जिस जगह पर राम लला विराजमान हैं वहां विवादित स्थल की 70 एकड़ की ज़मीन पर Fencing की गई है . इस टेंट तक पहुंचने के रास्तों में बड़ी-बड़ी सलाखें लगी हुई हैं .
उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान और CRPF के कमांडो वहां की सुरक्षा में तैनात हैं . इस टेंट तक पहुंचने के लिए आपको कई तरह की सुरक्षा जांच से गुज़रना होगा. और यहां 51 फीट यानी करीब 16 मीटर की दूरी से ही राम लला के दर्शन किए जा सकते हैं.
इस जगह पर इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था इसलिए भी है क्योंकि 5 जुलाई 2005 को यहां पर एक आतंकवादी हमला हुआ था . ये भारत के लोगों के लिए बहुत दुख की बात है कि आतंकवादी हमलों की वजह से हिंदू धर्म के लोगों को अपने धर्मस्थलों पर दर्शन और पूजा के लिए इतनी कठोर सुरक्षा व्यवस्था से गुज़रना पड़ता है .
राम लला की वो जन्मभूमि जिसे आज अध्यात्म की शक्तिपीठ कहा जाता है वो आज राजनीति की शक्तिपीठ बन चुकी है. भारत की राजनीति के केंद्र में तो राम लला विराजमान बहुत ऊंचे स्थान पर विराजमान हैं. लेकिन असलियत में रामलला आज भी अयोध्या में एक टेंट में ही विराजमान हैं.