किस तरह की एनर्जीज ने मुश्किल किया Sanjay Leela Bhansali का जीना? बोले- 'यह इतना कठिन है...'

Sanjay Leela Bhansali: संजय लीला भंसाली जिन्हें अपने प्रोजेक्ट्स के जरिए चर्चा में रहते हैं उनका मानना है कि उनकी नजर में कुछ भी परफेक्ट नहीं होता. हाल ही में फिल्माकर ने कुछ एनर्जीज के कारण परेशान होने के बारे में खुलासा किया. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर  

Written by - Anu Singh | Last Updated : May 20, 2024, 02:15 PM IST
    • छोटे से लिविंग रूम में रहते थे भंसाली में
    • कुछ एनर्जीज ने मुश्किल किया SLB का जीना
किस तरह की एनर्जीज ने मुश्किल किया Sanjay Leela Bhansali का जीना? बोले- 'यह इतना कठिन है...'

नई दिल्ली: Sanjay Leela Bhansali: संजय लीला भंसाली इन दिनों लगातार खबरों में बने हुए हैं. भंसाली की हालिया रिलीज हीरामंडी हर तरफ चर्चा का विषय बनी हुई है. दुनिया भले उन्हें एक बेहतरीन डायरेकटर के रूप में जानती हो मगर वो अपने लिए कुछ अलग सोचते हैं. हाल ही में मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने खुद को लेकर कई अनसुने और हैरान करने वाले किस्सों का खुलासा किया.

टीवी तक खोलना मुश्किल था फिल्ममेकर के लिए 

हाल ही में मीडिया के साथ बातचीत में संजय ने बताया कि उन्हें साधारण काम करने में भी दिक्कत आती है. वह बोले, 'मेरी जिंदगी हर दिन कठिनाइयों से भरी है. यहां तक कि मेरे लिए टीवी खोलना भी मुश्किल है. यह इतना कठिन है कि कोई आकर मेरे लिए टीवी खोलता है, लेकिन मुझसे ये ऑन नहीं होता. मैं लाइट जलाता हूं तो बल्ब चला जाता है. मैं किसी कमरे में घुसता हूं तो कंप्यूटर क्रैश हो जाता है. मेरी पास कुछ एनर्जीज हैं जिन्होंने मेरी जिंदगी को मुश्किल बना रखा है.'

कभी नहीं मिलेगा परफेक्शन

हीरामंडी में काम करने वाले कई एक्टर्स बता चुके हैं कि कुछ सीन करने में उन्हें कई रीटेक देने पड़े. संजय को लोग परफेक्शनिस्ट मानते हैं. इस पर वह बोले, 'परफेक्शन आपको कभी नहीं मिल सकता. आप परफेक्ट रिलेशनशिप चाहते हैं, आपको कभी नहीं मिलेगा. आप जो पाने का सोचते हैं वो सब भ्रम है धोखा है.

जब भंसाली के छोटे से घर पहुंची थीं रेखा 

संजय लीला भंसाली के सेट्स काफी शानदार होते हैं लेकिन असल जिंदगी में वह लग्जरी जिंदगी नहीं जीते. वह भी सलमान खान की तरह छोटे से घर में रहना चाहते हैं. उन्होंने एक पुरानी घटना बताई, उस वक्त देवदास देखकर रेखा उनसे मिलना चाहती थीं. संजय ने बताया, मैं मैट्रेस पर सोता था. एक दिन रेखाजी देवदास देखकर बोलीं कि वह फिल्ममेकर से मिलना चाहती हैं. मैंने कहा, आपको निराशा होगी, वह फिर भी आ गईं. उन्होंने दरवाजा खोला तो यह छोटी सी जगह दिखी, मैंने उनसे कहा, मैं यहां सोता हूं और यहीं फिल्में बनाता हूं. मुझे कभी नहीं लगा कि मुझे बेडरूम या लग्जरी चाहिए.'

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