नई दिल्ली: मशहूर फिल्मकार करण जौहर (Karan Johar) ने अपने अब तक के करियर में शानदार फिल्में पेश की हैं. उन्होंने खुद को एक बेहतरीन डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, टीवी होस्ट और कॉस्ट्यूम डिजाइनर के तौर पर साबित किया है. उन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस धर्मा प्रोडक्शन की जिम्मेदारी भी बखूबी संभाली है. हालांकि, कम ही लोग जानते हैं कि बचपन में करण को कई संघर्षों का सामना करना पड़ा. हाल ही फिल्मकार ने बताया कि उन्हें 3 साल की उम्र में बॉडी शेमिंग से भी जूझना पड़ा.
पेरेंट्स थे बेहतर बेटे के हकदार
हाल ही में करण ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अक्सर ऐसा महसूस किया कि उनके माता-पिता एक बेहतर बेटे के हकदार थे. यहां तक की करण ने अपनी आवाज को बेहतर बनाने के लिए बोलने की सार्वजनिक क्लासेस भी ली. ऐसा उन्होंने सिर्फ इसलिए किया ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़ सके.
फिल्मों में मिली सुकून
करण का कहना है, 'मुझे लगता है कि मैं बचपन में बहुत असफल रहा. मुझे महसूस हुआ कि मैंने अपने पेरेंट्स को निराश कर रहा हूं. मुझे ऐसा लगा कि मैं वो लड़का ही नहीं हूं, जो उन्हें मिलना चाहिए था. मैं अपने स्कूल के बाकी लड़कों से बहुत अलग था.' उन्होंने अपनी इन परेशानियों को खुद तक ही सीमित रखा और किताबों और फिल्मों में अपने लिए सुकून ढूंढने लगे.
3 साल की उम्र में बनाया गया मजाक
करण ने इस इंटरव्यू के दौरान उन पलों को भी याद किया जब 3 साल की उम्र में उनका खूब मजाक बनाया गया. यह सब तब हुआ जब वह एक डांस प्रतियोगिता का हिस्सा बने. उस समय वहां मौजूद लोगों ने उनका काफी मजाक बनाया. करण ने कहा, 'ये एक प्रतिभा प्रतियोगिता थी. सभी परफॉर्म कर रहे थे. मैंने भी डांस किया, लेकिन वहां बैठे कुछ लोग मेरा मजाक उड़ाने लगे और मेरी उन्हीं दर्शकों में बैठी थीं.'
कॉलेज में भी झेला दर्द
फिल्मकार ने आगे बताया, 'मुझे याद है, मैं घर गया और कमरे का दरवाजा कर लिया. मैं यह सोचकर रो रहा था कि मैं बाकी दूसरे लड़कों जैसा क्यों नहीं बन सकता.' इसके अलावा कॉलेज के दिनों में भी करण को फिट होने के लिए काफी दबाव झेलना पड़ा. उन्हें अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए वॉयस मॉड्यूलेशन क्लासेस तक लेनी पड़ गईं.