नई दिल्ली: 'मास्टरशेफ इंडिया 7' (Master Chef India 7) ने पूरे देश को इतनी स्वादिष्ट और नई डिशेज से रूबरू करवाया है, जिनके बारे में कम ही लोगों को जानकारी होगी. ये पूरा सीजन बहुत शानदान रहा. सभी कंटेस्टेंट के हुनर को पहचानने के बाद और सारी डिशेज को ध्यान में रखते हुए आखिरकार इस सीजन का विनर चुन लिया है. 'मास्टरशेफ इंडिया 7' की ट्रॉफी असम के रहने वाले नयन ज्योति सैकिया (NayanJyoti Saikia) ने अपने नाम कर ली है.
Nayanjyoti को मिले ये प्राइज
काफी दिनों से कयास लगाए जाने लगे थे कि 'मास्टरशेफ इंडिया 7' की जीत का ताज इस बार असम के नयन ज्योति सैकिया के सिर पर ही सजेगा. नयन ज्योति ने बहुत खूबसूरती से सभी पड़ावों को पार किया और अपने स्वाद से शो के जजेस का दिल जीत ही लिया.
अब नयन ज्योति को 'मास्टरशेफ इंडिया 7' की ट्रॉफी के साथ इनाम के तौर पर शेफ की जैकेट और 25 लाख रूपए की भारी भरकम रकम भी मिली है.
नयन ज्योति ने नहीं ली कोई खास ट्रेनिंग
असम के रहने वाले नयन ज्योति को मास्टरशेफ में सबसे ज्यादा सराहना उनके द्वारा बनाई गई स्वीट डिशेज के लिए मिली. हालांकि, ऐसे बिल्कुल नहीं है कि नयन ज्योति बाकी डिशेज बनाने में किसी से भी पीछे रहे. बता दें कि 26 साल के नयन ज्योति ने कभी खाना बनाने की कोई प्रोफेशनल क्लासेस नहीं ली है. ये उनके टैलेंट और लगन का ही कमाल है कि उन्होंने खुद ही नए-नए तरीके निकालकर कुकिंग में महारथ हासिल कर ली.
कुकिंग में करियर बनाने के खिलाफ थे नयन ज्योति के पिता
गौरतलब है कि नयन ज्योति ने गुवाहाटी से गिरिजानंद चौधरी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन की है. मास्टरशेफ इंडिया से पहले नयन ज्योति ने 2020 में नॉर्थ ईस्ट कुकिंग चैंपियनशिप में भी पहला प्राइज अपने नाम किया था. नयन ज्योति ने शो में एक बार खुलासा किया था कि उनके पिता नहीं चाहते थे कि वह कुकिंग में अपना करियर चुने, लेकिन बाद में विकास खन्ना ने उनके पिता को मनाया था. शो में इस बार स्टार शेफ रणवीर बरार, गरिमा अरोड़ा और विकास खन्ना को जजेज के तौर पर देखा गया.
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