R D Burman Special: डी बर्मन कैसे बन गए 'पंचम दा'? जानिए अनसुने दिलचस्प किस्से

R D Burman Special: पंचम दा के नाम से दुनियाभर में मशहूर आर डी बर्मन के गानों में आज भी लोगों डूब जाते हैं. उन जैसा म्यूजिक डायरेक्टर, कंपोजर और सिंगर दोबारा कभी भारतीय सिनेमा को मिल ही नहीं सकता. आज पंचम दा की पुण्यतिथि पर चलिए उनके बारे में कुछ चर्चा की जाए.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 4, 2024, 11:02 AM IST
    • मजेदार है पंचम दा के नाम की कहानी
    • फिल्मी है लता मंगेशकर संग लव स्टोरी
R D Burman Special: डी बर्मन कैसे बन गए 'पंचम दा'? जानिए अनसुने दिलचस्प किस्से

नई दिल्ली: ‘यम्मा-यम्मा', ‘महबूबा-महबूबा’, 'बचके रहना रे बाबा..' जैसे गाने आज भी अक्सर लोगों की जुबां से सुनने को मिल जाते हैं. ऐसे ही कई बेहतरीन को कंपोज, डायरेक्ट और अपनी आवाज में सजाने वाले राहुल देव बर्मन उर्फ आर डी बर्मन बेशक आज हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन हम सभी के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे. 4 जनवरी, 1994 को आर डी बर्मन ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था, लेकिन अपने नग्मों के कारण वह आज भी अक्सर चर्चा का विषय बन जाते हैं. चलिए आज पंचम दा की पुण्यतिथि के मौके पर उनसे जुड़ी कुछ खास बातों पर नजर डाली जाए.

9 साल की उम्र में गाया गाना

आर डी जन्म एक म्यूजिकल परिवार में हुआ था और इसी कारण बचपन से ही उनका रुझान संगीत की ओर रहा. कोलकाता में सचिन देव बर्मन के जन्में आर डी बर्मन के पिता हिन्दी सिनेमा के एक महान संगीतकार माने गए. हालांकि, पिता की इस विरासत को पंचम दा ने बखूबी आगे बढाया. उन्हें भी पिता जैसा ही नाम मिला. शायद ही किसी को पता होगा कि बचपन से संगीत के लिए अपने जुनून के चलते आर डी बर्मन ने सिर्फ 9 साल की उम्र में अपना पहला गाना कंपोज कर दिया था. उन्होंने 'ऐ मेरी टोपी पलट के आ' को कंपोज किया था, जिसे पिता ने अपनी 1956 में आई फिल्म 'फंटूश' में इस्तेमाल किया.

ऐसे मिला नाम 'पंचम दा'

आर डी बर्मन को आज ज्यादातर लोग पंचम दा बुलाते हैं. हालांकि, कम ही लोगों को यह जानकारी है कि ये नाम उनका कोई निक नेम नहीं था, बल्कि उन्हें अपनी एक आदत की वजह से ये नाम मिला, जो उन्हें दिग्गज एक्टर अशोक कुमार ने दिया था. कहते हैं कि आर डी बर्मन जब भी कोई धुन गुनगुनाते तो उसके अक्सर वह 'प' शब्द का इस्तेमाल करते थे. उनकी इसी आदत को अशोक कुमार ने नोटिस कर लिया. बस फिर क्या था उन्होंने  सरगम के 'प' को इसके पांचवें स्थान से मिलाया और नाम बन गया 'पंचम', जिसके बाद अशोक कुमार ने उन्हें पंचम दा कहने लगे. धीरे-धीरे यह नाम इतना मशहूर हो गया कि देखते ही देखते पूरी दुनिया उन्हें पंचम दा कहने लगी.

फैन से की थी शादी

पंचम दा के नाम की तरह उनकी लव लाइफ भी काफी फिल्मी है. उन्होंने पहली शादी अपनी एक फैन रीता पटेल से की थी. कहते हैं कि रीता ने अपने दोस्तों से शर्त लगाई थी कि वह आर डी बर्मन के साथ डेट पर जाएंगी और आखिरकार उन्होंने इसे पूरा भी किया. इसके बाद दोनों की दोस्ती बढ़ी और 1966 को दोनों शादी के बंधन में बंध गए. हालांकि, 1971 में दोनों तलाक लेकर एक दूसरे से अलग हो गए. इसके कुछ समय बाद आर डी बर्मन की मुलाकात आशा भोसले से हुई.

आशा भोसले संग शादी के लिए करना पड़ा इंतजार

कहते हैं कि आर डी बर्मन तलाक के बाद आशा भोसले के साथ किसी गाने पर काम कर रहे थे. तब तक उनका भी पति गणपतराव भोसले से तलाक हो चुका था. हालांकि, वह प्रेग्नेंट थीं और अपने दोनों बेटों को लेकर बहन के घर आ गई थीं. तलाक के बाद उन्होंने अपने तीसरे बेटे को जन्म दिया था. वहीं, पंचम दा और आशा भोसले लगातार कई प्रोजेक्ट्स के लिए साथ काम कर रहे थे. इसी दौरान दोनों ने शादी का फैसला कर लिया, लेकिन पंचम दा की मां के इनकार करने पर उन्होंने भी अपने कदम पीछे खींच लिए. हालांकि, उन्होंने मां के रहते हुए ही लंबे इंतजार के बाद आखिरकार आशा भोसले से शादी कर ली.

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