नई दिल्ली: 60-70 दशक की मशहूर सिंगर शारदा राजन आयंगर (Sharda Rajan Iyenger) का निधन हो गया है. अभी वह 85 साल की थीं. 25 अक्टूबर 1937 में तमिलनाडु के ब्राह्मण परिवार में जन्मीं शारदा ने अपने लंबी सिंगिंग करियर में कई बेहतरीन गानों को अपनी खूबसूरत आवाज से सजाया, लेकिन उन्हें खासतौर पर 'तितली उड़ी' गाने के लिए जाना जाता है.
कैंसर से पीड़ित थीं शारदा!
खबरों की माने तो शारदा काफी समय से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं. इसके बाद 14 जून को हमेशा के लिए शारदा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन अपने बेहतरीन नग्मों की वजह से एक्ट्रेस हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगी. हालांकि, उनकी बीमारी को लेकर फिलहाल सिंगर के परिवार की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है. वहीं, उनका निधन पूरी फिल्म इंडस्ट्री के लिए बड़ी क्षति मानी जा रही है.
राज कपूर के कारण हुई एंट्री
कहते हैं शारदा की फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री राज कपूर की वजह से हुई थी. राज कपूर ने ही उनकी मुलाकात म्यूजिक डायरेक्टरर्स शंकर-जयकिशन से करवाई थी. इसके बाद शारदा ने लंबे समय तक उनके साथ रहकर काम किया. उन्होंने शारदा को 1966 में आई फिल्म 'सूरज' में पहला ब्रेक दिया था. इस फिल्म का गाना 'तितली उड़ी' बेहद मशहूर हुआ था. यही से सिंगर को खास पहचान हासिल हुई. साथ ही ये सॉन्ग उनके करियर का सबसे बड़ा हिट भी रहा.
पहली ऐसी भारतीय सिंगर
शारदा को खास पॉपुलैरिटी 1970 में आई फिल्म 'जहां प्यार मिले' के गाने 'बात जरा है आपस की' के लिए भी खूब सराहना मिली. इस गाने के लिए उन्हें फीमेल प्लेबैक सिंगर के तौर पर फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. वहीं, शारदा ही पहली ऐसी भारतीय सिंगर भी रहीं, जिन्होंने अपना पॉप ऐल्बम लॉन्च किया.
कई भाषाओं में शारदा ने गाए गाने
गौरतलब है कि शारदा ने अपने करियर में मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, यशुदास, आशा भोसले, मुकेश और सुमन कल्याणपुर जैसे कई दिग्गज संगीतकारों के साथ काम किया. उन्होंने बॉलीवुड के अलावा तेलुगू, मराठी, इंग्लिश और गुजराती भाषाओं में भी गाने गाए. इसके अलावा उनकी गजल एल्बम 'अंदाज-ए-बयां' ने भी खूब धमाल मचाया.
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