नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश बेला एम. त्रिवेदी ने मंगलवार को बिलकिस बानो द्वारा दायर उस याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिसमें उसके सामूहिक बलात्कार मामले के 11 दोषियों की सजा माफ करने के गुजरात सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है.
जस्टिस त्रिवेदी ने खुद को किया अलग
न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने जैसे ही इस मामले की सुनवाई शुरू की, न्यायमूर्ति रस्तोगी ने कहा कि उनकी साथी न्यायाधीश मामले की सुनवाई नहीं करना चाहेंगी.
इस फैसले के पीछे क्या है असल वजह?
न्यायमूर्ति रस्तोगी की अगुवाई वाली पीठ ने आदेश दिया, 'यह मामला एक ऐसी पीठ के समक्ष पेश किया जाए, जिसमें हममे से एक न्यायाधीश शामिल नहीं हो.' हालांकि, पीठ ने न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी के सुनवाई से खुद को अलग करने के पीछे किसी कारण का उल्लेख नहीं किया.
गौरतलब है कि गुजरात दंगों के दौरान बानो बलात्कार की शिकार हुई थीं और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. मामले में दोषी ठहराए गए 11 लोग 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से रिहा हुए थे. गुजरात सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत इन दोषियों को रिहा करने की अनुमति दी थी.
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