नई दिल्ली: फराह फैज सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं, जो तीन तलाक की मुख्य याचिकाकर्ता हैं. आज ज़ी हिंदुस्तान के शो बताना तो पड़ेगा में बहस का विषय था, 'तीन तलाक के खिलाफ इंसाफ की आवाज़ पर फतवा क्यों? क्या निदा खान के खिलाफ इमाम का फतवा सही है? क्या इस्लाम में महिलाओं को आवाज उठाने की मनाही है? क्या जुल्म के खिलाफ आवाज उठाकर निदा ने गुनाह किया?' शो में आज इन सभी मुद्दों पर चर्चा होनी थी, जिसके लिए पैनलिस्ट तौर पर चर्चा में शामिल होने के लिए अंबर जैदी, यासिर जिलानी, फरहा फैज, मुफ्ती एजाज अरशद कशमी, फहीम बेग मौजूद थे. निदा खान भी इस शो से लाइव जुड़ी थी, जो खुद तीन तलाक से पीड़ित महिला हैं.
ज़ी हिन्दुस्तान ने मुस्लिम समाज की उस कट्टरपंथी सोच पर सवाल उठाया था कि क्या तीन तलाक के खिलाफ आवाज़ उठाने वाली मुस्लिम महिला पर फतवा जारी होना चाहिए? सदियों से जिन महिलाओं पर जुल्म किया जाता रहा है, क्या उन्हें जुल्म से आज़ादी नहीं मिलनी चाहिए? बरेली की निदा खान पर मौलाना के फतवे को लेकर सात बजे के हमारे शो 'बताना तो पड़ेगा' में मौलाना एजाज कासमी ने बुजुर्ग महिला मेहमान के साथ बदसलूकी करते हुए उनके उपर हाथ उठाया. शो के शुरुआत में ही मौलाना मुफ्ती एजाज अरशद कासमी ने अंबर जैदी से भी बदसलूकी की थी.
अंदाजा लगाइए कि जब मौलाना होकर एक शख्स इस तरह कैमरे पर लाइव एक अनजानी महिला पर ताबड़तोड़ थप्पड़ चला सकता है तो ये अपने परिवार की महिलाओं के साथ कैसा सलूक करता होगा? हमने तय किया है कि आज रात लोकप्रिय न्यूज़ बुलेटिन खबर तो समझिये नहीं दिखाएंगे. क्योंकि उससे ज्यादा जरूरी है, आपको समाज का यह गंदा चेहरा आपको दिखाना.
ज़ी हिन्दुस्तान इस घटना की कड़ी निंदा करता है. हम किसी प्रकार की हिंसा का कोई समर्थन नहीं करते हैं. खबर लिखे जाने तक पुलिस मौलाना मुफ्ती एजाज अरशद कासमी को हिरासत में ले चुकी थी.