गर्मियों में हेल्दी रहने लिए डाइट में शामिल करें ये फल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिए ये सुझाव

मौसम में बदलाव आ चुका है. गर्मियों के मौसम में शरीर की देखभाल की खास जरूरत होती है. आइए जानते हैं गर्मियों में स्वस्थ रहने के लिए क्या करना चाहिए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय गाइडलाइंस जारी की है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 28, 2023, 10:34 PM IST
  • गर्मियों में ऐसे रहें हेल्दी
  • डाइट में शामिल करें ये फल
गर्मियों में हेल्दी रहने लिए डाइट में शामिल करें ये फल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिए ये सुझाव

नई दिल्ली: देश के कुछ स्थानों पर तापमान में असामान्य बढ़ोतरी के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को एक परामर्श जारी किया जिसमें संभावित लू के खिलाफ सुरक्षा को लेकर ‘क्या करें और क्या ना करें’ की सूची दी गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से वर्ष 2023 के लिए पहली गर्मी की चेतावनी जारी करने के बाद यह सूची जारी की गई. 

गर्मियों में कैसे रहें स्वस्थ 

गर्मी से संबंधित बीमारियों से मुकाबले के लिए बनी राष्ट्रीय कार्ययोजना के तहत मंत्रालय ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे प्रचंड गर्मी के दौरान अधिक प्रोटीन वाला भोजन लेने और पकाने से बचें. इसके अलावा लोगों से तेज धूप खासकर दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच में बाहर नहीं जाने के लिए कहा गया है. परामर्श में मंत्रालय ने लोगों से यथा संभव पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के लिए कहा है, भले ही उन्हें प्यास नहीं लगी हो. लोगों को ओरल रीहाइड्रेशन सल्यूशंस (ओआरएस), घर में निर्मित पेय पदार्थ जैसे कि नींबू-पानी, दही, छाछ, लस्सी, नमक के साथ फलों के जूस का उपयोग करने के लिए कहा गया है. 

गर्मियों में इन फल का करें सेवन
इसके अलावा घर में हवादार और ठंडे स्थान पर रहने की सलाह दी गई है. इसमें लोगों को सलाह दी गई है कि ताजे फलों जैसे कि तरबूज, ककड़ी, नींबू, संतरा का सेवन करें और हलके रंग के पतले-ढीले सूत्री वस्त्र पहनें. परामर्श में बाहर नंगे पैर नहीं निकलने तथा खुली धूप में जाते समय छाता, टोपी, तौलिया या किसी अन्य पारंपरिक चीज से सिर को ढंकने की सलाह दी गई है. 

गर्मी से ऐसे बचें
लोगों से कहा गया है कि वे ‘गर्मी जनित तनाव’ (हीट स्ट्रेस) के लक्षणों पर नजर रखें जिसके अंतर्गत चक्कर आना या बेहोशी, मतली या उल्टी, सिरदर्द, अत्यधिक प्यास, असामान्य रूप से गहरे पीले रंग का मूत्र, पेशाब में कमी और सांस की गति तथा दिल की धड़कन बढ़ना शमिल है. इसमें बच्चों और पालतू जानवरों को खड़े वाहन में नहीं छोड़ने की सलाह दी गई है, क्योंकि वाहन के अंदर का तापमान खतरनाक साबित हो सकता है.

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