अब चीन 'मदद' लौटा रहा है डब्ल्यूएचओ को

जहां एक तरफ अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ को चीन की संस्था घोषित कर दिया और अपनी करोड़ों रुपये वाला अनुदान अब बंद कर दिया है, तो चीन ने मौके का फायदा उठाते हुए डब्ल्यूएचओ को आर्थिक मदद देने का ऐलान करके एक तीर से चार शिकार करने की कोशिश की है..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 24, 2020, 10:30 AM IST
    1. चीन आया डब्ल्यूएचओ की मदद के लिए
    2. सवा दो अरब करोड़ रुपये चीन ने दिए
    3. ''दुनिया की मदद करने का फैसला किया हमने''
अब चीन 'मदद' लौटा रहा है डब्ल्यूएचओ  को

नई दिल्ली: हैरानी की बात ये नहीं है कि चीन ने अब ऐलान कर दिया है कि वह डब्ल्यूएचओ को अमेरिका द्वारा करोड़ों रुपयों की आर्थिक मदद की कमी की पूर्ति करेगा, बल्कि अजीब सी बात ये है कि डब्ल्यूएचओ ने अभी तक अमेरिका के आरोप का कोई जवाब नहीं दिया है. अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आरोप लगाया था कि डब्ल्यूएचओ चीनी संस्था की तरह कार्य कर रहा है और वहां वही होता है जो चीन चाहता है.

चीन आया डब्ल्यूएचओ की मदद के लिए

कोरोना नामक दुनियावी महामारी चीन से निकल कर दुनिया में फैली है, भले ही चीन कितना भी नकारे चीन के पास इस साजिश पर उठे सवालों के जवाब नहीं हैं. अमेरिका ने  डब्ल्यूएचओ पर चीन का साथ देने का आरोप लगाया और कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण न मिलने के बाद पर अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ को दी जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है. अब इस मौके पर डब्ल्यूएचओ की सहायता करने के लिए चीन ने हाथ आगे बढ़ाया है.

सवा दो अरब करोड़ रुपये चीन ने दिए

चीन ने अपनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुया चुनईंग के माध्यम से वैश्विक मीडिया को बताया है कि उनके देश ने डब्ल्यूएचओ की आर्थिक मदद की है और उसको 3 करोड़ डॉलर जो कि भारतीय रुपए में करीब सवा दो करोड़ का अनुदान दिया है.

चीन ने अपनी तारीफ़ में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य महामारी से पीड़ित  दुनिया में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत को बेहतर बनाना है. चीन ने आगे कहा कि उसने कोरोना महामारी के इस दौर में विश्व स्वास्थ्य संगठन की कई स्तरों पर सहायता की है.

''दुनिया की मदद करने का फैसला किया हमने''

जिस कोरोना कंट्री ने दुनिया में कोरोना वायरस फैला कर लाखों लोगों को संक्रमित कर दिया और दुनिया की इकोनॉमी को पटरी से उतार दिया वह दम भर रही है कि अब वह कोविड-19 के खिलाफ अपनी वैश्विक लड़ाई में विकासशील देशों की मदद करने के लिए उतर रही है.

चीन का कहना है कि इस मदद के माध्यम से चीन विकासशील देशों की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूती देना चाहता है और इस हेतु उसने डब्ल्यूएचओ को अतिरिक्त 3 करोड़ डॉलर नकद दान करने का फैसला किया है, चीन की प्रवक्ता यह बताना भी नहीं भूकी कि चीन ने मार्च में भी डब्ल्यूएचओ को 2 करोड़ डॉलर का अनुदान दिया है.

एक तीर से लगाए चार निशाने

चीन अमेरिका को जताना चाहता है कि अमेरिका के विकल्प के तौर पर चीन अब दुनिया की मदद के लिए सामने आ रहा है. दूसरा निशाना चीन ने ये लगाया है कि अब उसने पहले से ही अपना अनुचर बना हुआ विश्व स्वास्थ्य संगठन को और भी बड़ा जर खरीद गुलाम बना लिया है और अब उसे इस इरादे से रोकने वाला भी कोई नहीं है क्योंकि अमेरिका सीन से आउट हो चुका है.

इसे भी पढ़ें: सीएम योगी की पुलिस ने जमातियों के खिलाफ दिखाया रौद्र रूप

तीसरे निशाने के तौर पर वह दुनिया के सामने अपनी अच्छी छवि चमकाना चाहता है और इस बहाने अपरोक्ष रूप से ये भी बताने की कोशिश की कि दुनिया में फैली कोरोना महामारी को फैलाने में उसका कोई हाथ नहीं है.

इसे भी पढ़ें: NCERT ने जारी किया कक्षा 6 से 8वीं के लिए कैलेंडर, घर पर बच्चों को ऐसे पढ़ाएं

इसे भी पढ़ें: कबाब में परोसते थे शरीर की गंदगी, विदेश में भी वही जमाती मानसिकता

ट्रेंडिंग न्यूज़