Dharamshala News in Hindi: किसानों के खेतों तक पहुंचकर फसलों का अवलोकन किया जा रहा है. ऐसा इसलिए कि पीला रतुआ के बारे में पता चल सके. जानें पूरी डिटेल..
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Dharamshala News: कृषि विभाग ने नार्थ जोन के तहत आते पांच जिलों में पीला रतुआ पर नजर रखने के लिए टीमें गठित की हैं. इसके लिए कृषि विभाग की ओर से सर्विलांस टीम बनाई गई हैं. जिसमें ब्लाक स्तर के कृषि अधिकारी व विश्वविद्यालय के साइंटिस्ट शामिल हैं. टीमें किसानों के खेतों तक जा रही है और अवलोकन कर रही है कि कहीं पीला रतुआ की समस्या तो नहीं है, यदि कहीं पीला रतुआ की समस्या हो तो टीम रिपोर्ट करती है, लेकिन अभी तक ऐसा कोई मामला रिपोर्ट नहीं हुआ है.
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह प्रदेश भर में हुई बारिश से पीला रतुआ की समस्या से अभी तक राहत है. अमूमन गेहूं में पीला रतुआ का प्रकोप जनवरी व फरवरी माह में आता है. हालांकि पहले काफी लंबा ड्राईस्पेल किया, लेकिन बारिश से काफी राहत मिली है.
जानकारी के अनुसार, पीला रतुआ शुष्क मौसम में पनपता है, लेकिन हाल ही में अच्छी बारिश हुई है. अगर फिर भी पीला रतुआ का प्रकोप फसलों पर आता है, तो उससे निपटने के लिए विभाग तैयार है. किसानों को यदि उनके खेतों में पीला रतुआ के लक्षण नजर आते हैं तो नजदीकी कृषि अधिकारियों से संपर्क करें, जिससे कि कृषि अधिकारी मौके पर जाकर समस्या का निदान कर सकें.
इसके अलावा किसान प्रोपीकोनाजोल स्प्रे का छिड़काव भी पीला रतुआ से गेहूं की फसल को बचाने के लिए विशेषज्ञों की सलाह पर कर सकते हैं. बता दें, कृषि विभाग के नार्थ जोन के तहत आते कांगड़ा, चंबा, मंडी, हमीरपुर और ऊना में 2 लाख 66 हजार 703 हेक्टेयर में गेहूं की खेती होती है.
इन जिलों में 27 हजार 832 हेक्टेयर के करीब एरिया सूखे की वजह से प्रभावित हुआ था, जिसे पिछले सप्ताह हुई बारिश से राहत मिली है. नार्थ जोन धर्मशाला के तहत आते 5 जिलों में पीला रतुआ पर नजर रखने के लिए सर्विलांस टीमें बनाई हैं, जो कि किसानों के खेतों तक पहुंच रही हैं. पहले ड्राईस्पेल से कई क्षेत्रों में गेहूं की पत्तियां पीली पड़ गई थी, लेकिन पिछले सप्ताह हुई बारिश से राहत मिली है. अगर समस्या आती है तो विभाग निपटने के लिए तैयार है.
रिपोर्ट- विपिन कुमार, धर्मशाला