धान की रोपाई ने पकड़ा जोर, 15 हजार मीट्रिक टन था उत्पादन...वृद्धि होने की उम्मीद!
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धान की रोपाई ने पकड़ा जोर, 15 हजार मीट्रिक टन था उत्पादन...वृद्धि होने की उम्मीद!

धान रोपाई का सीजन शुरू होते ही यहां बिहार राज्य से बड़ी संख्या में मजदूर धान की रोपाई करने पहुंचते हैं.  रोपाई कर रहे मजदूरों ने बताया कि हर साल यहां वह धान की रोपाई करने पहुंचते हैं और कई हजारों बीघा भूमि पर धान रोपते है. उन्होंने कहा कि यह समय धान की रोपाई के लिए सबसे उपयुक्त है.

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नाहन: सिरमौर जिला के मैदानी इलाकों में इन दिनों धान की रोपाई का कार्य जोरों पर चला हुआ है. जिला का धौला कुआं, पांवटा साहिब, माजरा, बोहलीयो, रुखड़ी ऐसे क्षेत्र है जहां धान का भारी मात्रा में उत्पादन किया जाता है.

धान रोपाई का सीजन शुरू होते ही यहां बिहार राज्य से बड़ी संख्या में मजदूर धान की रोपाई करने पहुंचते हैं.  रोपाई कर रहे मजदूरों ने बताया कि हर साल यहां वह धान की रोपाई करने पहुंचते हैं और कई हजारों बीघा भूमि पर धान रोपते है. उन्होंने कहा कि यह समय धान की रोपाई के लिए सबसे उपयुक्त है.

रुखड़ी क्षेत्र के स्थानीय धान उत्पादक ने बताया कि  इस इलाके में भारी मात्रा में धान का उत्पादन होता है.  इस बार उन्हें और अच्छे उत्पादन की उम्मीद जगी है. उन्होंने बताया कि पहले धान उत्पादकों को धान बेचने के लिए बाहरी राज्यों में जाना पड़ता था मगर अब स्थानीय स्तर पर ही किसान अपना धान भी एफसीआई के गोदामों में बेच सकते है ऐसे में किसानों को और राहत मिली है.

जिला में स्थानीय स्तर पर धान खरीद शुरू होने के बाद अब  उन किसानों ने भी धान लगाना शुरू कर दिया है, जिन्होंने इस से मुंह मोड़ लिया था, गत वर्ष  सिरमौर जिला में 15 हजार मीट्रिक टन धान का उत्पादन हुआ था जिसमें इस बार वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है.

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