S. Jaishankar meet Iran Foreign Minister: तेहरान में हुई इस हाई लेवल मीटिंग के दौरान जयशंकर ( S. Jaishankar ) और अमीर-अब्दुल्लाहियन ने चाबहार बंदरगाह और उत्तर-दक्षिण कॉन्टैक्ट प्रोजेक्ट में भारत की भागीदारी के लिए रूपरेखा पर बातचीत की.
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S. Jaishankar meet Iran Foreign Minister: भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ईरान के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने सोमवार को ईरान के फॉरेन मिनिस्टर होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ( Hossein Amir Abdollahian ) से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान दोनों लीडरों ने द्विपक्षीय रिश्तों को और विकसित करने पर बातचीत की. साथ ही दोनों ने क्षेत्रीय व इंटरनेशनल विकास की समीक्षा भी की.
तेहरान में हुई इस हाई लेवल मीटिंग के दौरान जयशंकर ( S. Jaishankar ) और अमीर-अब्दुल्लाहियन ने चाबहार बंदरगाह और उत्तर-दक्षिण कॉन्टैक्ट प्रोजेक्ट में भारत की भागीदारी के लिए रूपरेखा पर बातचीत की. मुलाकात के दौरान इलाके में नौवहन (shipping) से जुड़े खतरों के बारे में भी दोनों लीडरों के बीच चर्चा हुई.
एस. जयशंकर ने कहा
रिपोर्ट के मुताबिक, “उन्होंने क्षेत्रीय और इंटरनेशनल घटनाक्रम पर भी चर्चा की.” इससे पहले एस. जयशंकर ने ईरान में सड़क और शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बज्रपाश से मुलाकात करके अपने प्रोग्राम की शुरुआत की. मुलाकात के दौरान दोनों तरफ के लीडरों ने रणनीतिक रूप से सबसे अहम चाबहार बंदरगाह पर लंबे वक्त के लिए सहयोग ढांचा स्थापित करने पर डिटेल्स और “सार्थक” बातचीत की.
जयशंकर ने बज्रपाश के साथ इंटरनेशनल उत्तर-दक्षिण ट्रान्सपोर्टेशन गलियारे (INSTC) पर भी दोनों ने अपनी-अपनी बातें रखी. जयशंकर ने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर कहा, “तेहरान में मेरे दौरे की शुरुआत सड़क और शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बज्रपाश से मुलाकात के साथ हुई. चाबहार बंदरगाह के रिश्ते में दीर्घकालिक सहयोग ढांचा स्थापित करने पर विस्तृत और सार्थक बातचीत हुई. इंटरनेशनल उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.”
चाबहार बंदरगाह क्यों है अहम?
बता दें कि ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है, इसी वदह से चाबहार बंदरगाह संपर्क और व्यापार रिश्तों को बढ़ावा देने के लिए भारत और ईरान द्वारा विकसित किया जा रहा है. भारत क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए चाबहार बंदरगाह प्रोजेक्ट पर जोर दे रहा है, खासकर अफगानिस्तान से इसके कॉन्टैक्ट के लिए.
ताशकंद में साल 2021 में एक कनेक्टिविटी प्रोग्राम में जयशंकर ने चाबहार बंदरगाह को अफगानिस्तान समेत एक अहम रिजनल ट्रांजिट सेंटर के रूप में पेश किया था. चाबहार बंदरगाह को आईएनएसटीसी प्रोजेक्ट के लिए एक अहम सेंटर के रूप में भी देखा जाता है.